उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बावजूद पंचायत चुनाव टाले नहीं जाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव टालने की मांग से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरूवार को उसे खारिज कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए कहा कि सरकार ने चुनाव प्रचार की आचार संहिता जारी कर दी है और अब इसे रोकना ठीक नहीं होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी करने को कहा है ताकि इस महामारी से बचा जा सके।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे में चुनाव प्रचार न करने का आदेश देने का कोई आधार नहीं है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एस.एस. शमशेरी ने दिया। याची अधिवक्ता अमित कुमार उपाध्याय व सौम्या आनंद दूबे का कहना था कि प्रदेश में कोरोना तेजी से फैल रहा है और 15 अप्रैल से पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव कराना जनहित के खिलाफ है। इससे भारी संख्या में लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है, जो अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने इस उम्मीद के साथ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया कि चुनाव में जरूरी सावधानी बरती जाएगी।
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में पंचायत चुनाव होंगे। 15 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा। दूसरे चरण 19 अप्रैल, तीसरा चरण 26 अप्रैल और चौथा चरण का चुनाव 29 अप्रैल को होगा।सीतापुर की 3, बहराइच की 1 और गोंडा की 9 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा नहीं होने के कारण वहां चुनाव नहीं होगा। सभी 18 मंडल के एक-एक जिले में पहले चरण का चुनाव होगा। 2 मई को मतगणना होगी। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही यूपी में आचार संहिता लग गई है।
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पंचायत चुनाव की तारीखें
3 अप्रैल से शुरू होगी पहले चरण की नामांकन की प्रक्रिया।
दूसरे चरण में 7 अप्रैल से 8 अप्रैल तक नामांकन किया जा सकेगा।
तीसरे चरण में 13 अप्रैल से 15 अप्रैल तक नामांकन होगा।
चौथे चरण में 17 अप्रैल से 18 अप्रैल तक नामांकन होगा।