बाम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वसूली मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मनी लॉड्रिंग एंगल से की जा रही पूछताछ के विरोध में दायर की गई पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अनिल देशमुख को निचली अदालत में जाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने ईडी को भी अनिल देशमुख पर सख्ती न किए जाने का आदेश जारी किया है।
अनिल देशमुख पर पूर्व पुलिस आयुक्त ने लगाए थे गंभीर आरोप
पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच मनी लॉड्रिंग एंगल से ईडी कर रहा है। ईडी ने इस मामले में अनिल देशमुख के घर व आफिस पर छापा मारा था और डिजिटल सबूत इकट्ठा किया था। साथ ही ईडी ने अनिल देशमुख के दो सहायकों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने अनिल देशमुख को 5 बार समन जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन अनिल देशमुख ने ईडी के समन के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। इस याचिका की सुनवाई जज नितीन जामदार व जज सारंग कोतवाल के समक्ष हुई थी।
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हाईकोर्ट में अनिल देशमुख की ओर से वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने अनिल देशमुख की उम्र का हवाला देते हुए उनकी जांच आनलाइन किए जाने की मांग की थी। ईडी की ओर से वकील अमन लेखी ने इस याचिका का जोरदार विरोध किया था। इसके बाद खंडपीठ ने इस मामले पर निर्णय सुरक्षित रखा था। शुक्रवार को खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए अनिल देशमुख की याचिका खारिज करने और निचली अदालत में नई याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है।