उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 49वां जन्मदिन है। एक मठ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे योगी आदित्यनाथ आज पूरे विश्व में पहचान बना चुके हैं। सीएम योगी ने अपने सख्त फैसलों से पहले जहां सूबे में फैले अपराध के ग्राफ को लगभग नगण्य तक लाकर छोड़ा, वहीं पूरे दुनिया के लिए परेशानी साबित हो रहे कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ अपनी उत्तम रणनीति से सूबे को सकारात्मक परिणाम तक पहुंचाकर पूरी दुनिया को अपना कायल कर दिया है। सीएम योगी के शासनकाल में यूपी को एक अलग पहचान हासिल हुई है।
योगी के शासनकाल में यूपी विकास के रास्ते पर चला आगे
उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोगों के लिए पहले सबसे बड़ी समस्या थी सूबे में फैला अपराध। लेकिन 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभाल संभालने के साथ ही प्रदेशवासियों को इस समस्या ने निजात दिलाने के कार्य में लग गए। अंततः आज नतीजा यह है कि सूबे के अपराध जगत के सारे बड़े अपराधी या तो जेल में हैं या फिर एनकाउंटर में मारे गए हैं।
20 मार्च 2017 से 15 मार्च 2021 यानी पूरे 4 साल तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन 4 सालों में पुलिस और बदमाशों के बीच 7500 से ज्यादा मुठभेड़ हुई जिसमें 5 लाख के इनामी विकास दुबे से लेकर 5 हजार के इनामी शामली के शातिर लुटेरे इकराम उर्फ टोला तक को मुठभेड़ में मार गिराया गया। कुल 135 अपराधी मारे गए जिनमें 111 इनामी बदमाश थे और 24 गैर इनामी बदमाश। मारे गए अपराधियों के साथ 2900 अपराधी घायल भी हुए। और इस मुठभेड़ में 14 पुलिसकर्मी शहीद भी हुए।
इसके साथ ही यूपी में आज सकारात्मक माहौल और अपराधियों में भय है। अपराधियों की 750 करोड़ की संपत्तियां जब्त की हैं। भूमाफिया के कब्जे से जमीनें छुड़ाई गईं हैं और उन पर विकास के काम किए जा रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में आपराधिक मामलों में कमी आई है।
इसके बाद पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की पहली लहर के रूप में योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी परीक्षा की घडी आ गयी। जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चंगुल में फंसकर त्राहिमाम कर रहा था, तब योगी आदित्यनाथ ने अपनी उत्तम रणनीति के दम पर बेहद कम समय में कोरोना से सूबे को राहत दिला दी।
हालांकि सीएम योगी की यह परीक्षा अभी ख़त्म नहीं हुई थी। दूसरी लहर के रूप में कोरोना ने एक बार फिर वापसी की। इस बार कोरोना और भी ज्यादा शक्तिशाली रूप में आया, देश में रोजाना हजारों लोग इसकी चपेट में आकर मौत के मुंह में जाने लगे। इस बार शुरुआत में उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रह गया। राजधानी लखनऊ सहित कई देशों के श्मशान घाटों पर लोगों की लाशों के ढेर नजर आने लगे। इन लाशों की चिताओं ने सीएम योगी की कार्यप्रणाली तक को अपनी जद में लेना शरू कर दिया।
हालांकि इस बार भी सीएम योगी ने अपनी कार्यप्रणाली का जौहर दिखाते हुए अन्य राज्यों की अपेक्षा कम समय में सबसे अच्छा नतीजा पेश किया। योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाने के लिए जो ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति अपनाई वो कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। पॉजिटिविटी दर निरन्तर घट रही है। इस बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तक सीएम योगी की तारीफ़ करने से खुद को रोक नहीं सका।
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WHO की रिपोर्ट के अनुसार उत्तिर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ित मरीजों के सम्पंर्क में आए 93 प्रतिशत लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर कोरोना की रफ्तार पर लगाम कसी है। कोविड-19 बचाव के लिए यूपी सरकार ने जो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की रणनीति अपनाई है। मुख्य्मंत्री योगी आदित्यीनाथ की पहल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआत से ही ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
अपने चार सालों के शासनकाल में सीएम योगी ने सुशासन व पारदर्शिता के उदाहरण पेश किये हैं। हर क्षेत्र में प्रदेश विकास के मार्ग पर प्रशस्त रहा है।