लखनऊ का गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज अब खेलो इंडिया स्पोर्ट्स सेंटर आफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) के रूप में अपग्रेड होगा। इससे प्रदेश के खिलाड़ियों को और अधिक सुविधाएं मिल सकेंगी। इसमें चयन होने के बाद खेल विज्ञान इनपुट और प्रदर्शन प्रबंधन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रों में उच्च प्रदर्शन प्रबंधक भी होंगे। केआईएससीई की स्थापना से प्रतिभा की पहचान को व्यापक बनाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रत्येक खेल में प्रतिभा की पहचान और विकास करेंगे, जिसके लिए धन प्राप्त होता है। इसकी खबर आने के बाद खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है।

इस सम्बंध में साई लखनऊ के एक्सक्यूटीव डाइरेक्टर संजय सारस्वत ने बताया कि लखनऊ में गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, दिल्ली में छत्रसाल स्टेडियम और चेन्नई में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को केआईएससीआई के रूप में नामित किया गया है। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केआईएससीआई की कुल संख्या अब 27 हो गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज का नाम प्रस्तावित किया, क्योंकि यह राज्य का मुख्य प्रशिक्षण केंद्र है। जिसमें हॉकी, एथलेटिक्स और बैडमिंटन के तीन विषयों की सुविधा है। राज्य के ‘वन स्टेट वन गेम’ नियम के तहत तीन विषयों को प्राथमिकता के क्रम में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि भारत को 2028 के ओलम्पिक में शीर्ष 10 देशों में से एक बनाने की दृष्टि के साथ, खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यह सुनिश्चित करेगा कि एक निश्चित खेल में कुशल एथलीटों को विश्व स्तरीय विशेष प्रशिक्षण दिया जा सके और ये केंद्र सबसे अच्छी सुविधाएं बन सके। देश एथलीटों को प्राथमिकता वाले खेल में प्रशिक्षित करेगा जिसके लिए उन्हें निर्धारित किया गया है। खेल मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता खेल उपकरण, उच्च प्रदर्शन प्रबंधकों, प्रशिक्षकों, खेल वैज्ञानिकों, तकनीकी सहायता आदि में अंतराल को पाटने के रूप में होगी।
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उन्होंन बताया कि खेल विज्ञान इनपुट और प्रदर्शन प्रबंधन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रों में उच्च प्रदर्शन प्रबंधक भी होंगे। केआईएससीई की स्थापना से प्रतिभा की पहचान को व्यापक बनाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रत्येक खेल में प्रतिभा की पहचान और विकास करेंगे, जिसके लिए धन प्राप्त होता है।
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