लखनऊ। उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे और महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने प्रदेश सरकार से पंचायत डियुटी और करोना डियुटी में लगे कार्मिकों और अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से 50 लाख का बिना आदेश जारी करने की मांग करते हुए कि इन महामारी के दौर में उक्त प्रयोजन में लगे कार्मिकों को सम्पूर्ण कोरोना सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने पंचायत चुनाव के लिए बुलाई गए कार्मिकों को बिना सोशल डिस्टेसिंग और हौचपौच स्थिति में कराये गए प्रशिक्षण कार्यक्रम को चिन्तनीय बताते हुए इस तरह की पुनर्रावृत्ति होने की मांग की है।
सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रखा जा रहा पालन
उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने मांग कि है कि पंचायत चुनाव में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है उनको संपूर्ण करो ना सामग्री उपलब्ध कराई जाए। सिटी मांटेसरी गोमती नगर स्कूल में कर्मचारियों एवं अधिकारियों को चुनाव परीक्षण के समय ऊपर से नीचे तक हाल भरा हुआ था लोग इतने अधिक थे कि बहुत से कर्मचारी खड़े भी थे लेकिन कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हुई। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा एक साथ 5 लोगों को ही जाने की इजाजत दी थी और दरे गज की दूरी के साथ निर्देश दिए गए थे।
उन्होंने आगे कहा कि लगातार चिकित्सालयो में स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो रहे हैं । ऐसे में स्वास्थ्य कर्मचारियों के स्वास्थ्य की भी देखभाल किया जाना अत्यंत आवश्यक है और इसी को देखते हुए उनके लिए होटलों में क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था एवं स्वास्थ्यदायक भोजन की व्यवस्था किए जाने की मांग की गई है, जिससे कर्मचारी स्वस्थ रहे, उनकी इम्युनिटी और मनोबल बढ़ा रहे । जो चिकित्सा कर्मी अपने घरों से आ रहे हैं उनके परिवार में भी संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
वेतन भुगतान न होने से नाराजगी बढ़ी
सुरेश सिंह यादव ने यह भी बताया कि मा मुख्यमंत्री जी के निर्देश के उपरांत होली पूर्व सरकार ने आदेश निर्गत किये थे कि अप्रैल माह का वेतन समय से भुगतान कर दिया जाए परन्तु संज्ञान में आया है कि के जी एम यू जैसे विशिष्ट संस्थान सहित कई जगह अभी तक वेतन भुगतान नही हुआ है जिससे कोविड में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा।
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प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश महामंत्री ने मुख्यमंत्री से से मांग की है कि प्रदेश सरकार तत्काल एस्मा हटाए और कोविड-19 में कर्मचारी अपनी व अपने परिवार की जिंदगी की परवाह किये बगैर जनता की सेवा व सरकार के साथ खड़ा है उनकी मूल समस्याओं पर ध्यान दिया जाऐ।