राजस्थान की सियासत में एक नया भूचाल आता नजर आ रहा है और इस भूचाल में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी कुर्सी हिलती नजर आ रही है। दरअसल, अशोक गहलोत ने आशंका जताते हुए आरोप लगाया है कि राजस्थान में एक बार फिर सत्ता गिराने का सियासी खेल शुरू होने वाला है। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र में भी इसी राजनीतिक उठापटक होने की आशंका जताई है।
गहलोत ने बीजेपी पर फोड़ा आरोपों का ठीकरा
शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी की तरफ से इससे पहले सरकार गिराने की कोशिश के गवाह कांग्रेस नेता अजय माकन रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन भी इस कार्यक्रम में जुड़े हुए थे। इस घटना के दौरान माकन 34 दिन होटल में हमारे विधायकों के साथ रहे थे।
इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी आड़े हाथों लिया है। अमित शाह पर आरोप लगाते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे विधायकों को बैठाकर चाय-नमकीन खिला रहे थे और बता रहे थे कि पांच सरकार गिरा दी है, छठी भी गिराने वाले हैं। धर्मेंद्र प्रधान उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जजों से बातचीत करने की बातें कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि अमित शाह ने हमारे विधायकों से एक घंटे मुलाकात की थी और पांच सरकारें गिराने के बाद छठी भी गिरा देने की बात शाह ने कही थी।
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गहलोत ने कहा कि इस घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पांडे यहां आकर बैठ गए। इन्होंने नेताओं को बर्खास्त करने का फैसला किया, तब जाकर सरकार बची। उन्होंने कहा कि पूरे राजस्थान की जनता चाहती थी कि सरकार गिरनी नहीं चाहिए। प्रदेश के लोग कांग्रेस विधायकों को फोन कर कह रहे थे कि सरकार गिरनी नहीं चाहिए। लोग कह रहे थे कि चाहे दो महीने लग जाए लेकिन सरकार नहीं गिरनी चाहिए।