राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम में कानपुर का भी गहरा नाता रहा है। उन महापुरूषों के बारे में युवा पीढ़ी को जानकारी देना जरूरी है। इससे वह अपने महापुरूषों के बारे में जानकारी हासिल करने के साथ-साथ देश के प्रति समर्पित होने की भी प्रेरणा लेंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह बातें बुधवार को मेहरबान सिंह पुरवा स्थित चौ. हरमोहन सिंह पैरामेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग इंस्टीट्यूट के परिसर में आयोजित उनके जन्मशताब्दी समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में ग्रामीण, कृषि विकास व ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका है। विकास का आधार शिक्षा होती है, शिक्षा से ही विकास संभव है। यह बात चौधरी हरमोहन सिंह यादव कहते थे।
उन्होंने शौर्य चक्र विभूषित चौ. हरमोहन सिंह यादव को नमन करते हुए कहा कि चौधरी साहब इस फलसफे को बखूबी समझते थे। इसको देखते हुए ही यहां पर इस परिवार ने शिक्षण संस्थाओं का जाल बिछा दिया है। चौधरी हरमोहन सिंह को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि, कानपुर में चारों तरफ इसका (शिक्षा) जाल बिछा है। ऐसे में कानपुर की जिम्मेदारी भी अहम हो जाती है। चौ. साहब के साथ अपने सांसद कार्यकाल को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र का विकास यहां की परंपराओं और अनूकुलता के अनुसार हुआ है।
शिक्षा के क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाए चौधरी परिवार
राष्ट्रपति ने मंच से कहा कि, राज्यसभा के दौरान हम दोनों ने संसद के कई कार्यकलाप में भाग लिया है। मेहरबान सिंह का पुरवा तो अब टाउनशिप जैसा विकसित हो चुका है। ऐसे में चौधरी परिवार से अपेक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज से उन्हें जितना सम्मान मिला है, ऐसे में उसे लौटाना भी जरूरी है। शिक्षा समेत अन्य कार्यक्रमों में चौधरी परिवार की भागीदारी को और बढ़ाने की उन्होंने अपेक्षा की।
कानपुर की स्मृति मेरे लिए रहेगी अमिट
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चौ. हरमोहन सिंह के जन्मशताब्दी समारोह में अपने अभिभाषण के दौरान कई बार कानपुर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कानपुर से उनका काफी लगाव है। यहीं पर रहकर उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। इसी धरती के आाशीर्वाद से वह देश के प्रथम नागरिक बने। इस दौरान राष्ट्रपति ने कानपुर और आसपास के लोगों को अपने परिवार जैसा बताया।
समाज को आगे बढ़ाने में हमसफर की भावना जरूरी
राष्ट्रपति ने चौ. हरमोहन सिंह यादव से जुड़ी स्मृतियों को जीवंत करते हुए बताया कि ट्रेन में सफर के दौरान चौधरी साहब अक्सर घर से बना खाना, पकवान और लड्डू आदि लाते थे। वह न केवल हम लोगों को बल्कि उनके आसपास जितने लोग हैं, सभी को वह खाने को देते थे। उन्होंने कहा था कि ट्रेन में जितने लोग भी साथ में सफर कर रहे हैं, वह हमसफर हैं। ऐसे में यह हमसफर की भावना समाज में चरितार्थ हो जाए, तो जाति, बिरादरी, संप्रदाय, ऊंच-नीच के भेद मिट जाएंगे और हम जहां पर रहते हैं, वहीं से स्वर्ग दिखने लगेगा।
स्वाधीनता के गुमनाम नायकों की भूमिका को जाने भावी पीढ़ी
आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम में कानपुर का भी गहरा नाता है। यहां पर नानाराव पेशवा, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन अजीजन बाई, जयदेव कपूर, शिव कुमार वर्मा, विजय कुमार सिन्हा, डॉ गया प्रसाद के बारे में भी जानकारी देना जरूरी है। राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के तमाम ऐसे गुमनाम नायक हैं, जिनके बारे में भावी पीढ़ी को जानना चाहिए।
चौधरी साबह का जीवन युवा पीढ़ी के अनुकरणीय – आंनदीबेन पटेल
राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने चौधरी हरमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि चौधरी साहब में दूसरों के लिए कुछ करने का जज्बा था। ग्राम सभा से लेकर राज्यसभा तक का उनका सफर इसी बात का परिचायक है। वे शिक्षा को बहुत अहम मानते थे। इसलिए उन्होंने अनेक शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की। चौधरी जी ने पार्षद बनने के बाद लगातार 42 साल तक जनता की सेवा की। चौधरी साहब को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उनका जीवन युवा पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है। विकास की गति तभी तेज होगी, जब हम मिलजुलकर काम करें। इससे पूर्व सांसद सुखराम सिंह यादव ने राष्ट्रपति का आभार जताया।
इससे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चौधरी राम गोपाल यादव और शौर्य चक्र विभूषित चौधरी हरमोहन सिंह यादव की समाधि स्थल पर पहुंचे और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने नमन किया। समारोह में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, मंत्री नीलिमा कटियार और महापौर प्रमिला पांडे समेत भाजपा कानपुर दक्षिण जिलाध्यक्ष वीना आर्य पटेल समेत करीब 16 लोगों ने भी शिष्टाचारी भेंट की। मंच पर राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह, उनके बेटे मोहित यादव उपस्थित रहें। समारोह के दौरान राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद भी मौजूद रहीं।
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शाम को 31 लोगों से करेंगे मुलाकात
समारोह समापन के बाद राष्ट्रपति सर्किट हाउस विश्राम करने पहुंचे। जहां राष्ट्रपति शाम पांच बजे से करीब 31 लोगों से मुलाकात करेंगे। इनमें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कानपुर प्रांत के प्रमुख पदाधिकारी, चिकित्सक, समाजसेवी, उद्यमी और उनके पुराने मित्र शामिल हैं।