उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ मुरादाबाद में दर्ज की गई एफआईआर का मामला अब राजधानी लखनऊ की सड़कों तक पहुंच गया है। दरअसल, इस मामले को लेकर सपा ने सूबे की सत्तारूढ़ योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लखनऊ के 1090 चौराहे पर एक बड़ी होर्डिंग लगवाई है, जिसमें अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ दोनों की तस्वीरें हैं।

योगी को दी बड़ी चेतावनी
इस होर्डिंग के माध्यम से सपा ने सीएम योगी को आड़े हाथों लेते हुए इस होर्डिंग में अखिलेश यादव के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर का मुद्दा उठाया गया है। होर्डिंग में अखिलेश पर मुकदमा लिखवाने और सीएम योगी पर मुकदमे हटाने की बात का जिक्र है।
उधर, अखिलेश यादव ने भी खुद के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को लेकर योगी सरकार के खिलाफ जमकर आग उगला है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार बनने पर फर्जी एनकाउंटर की जांच होगी। उन्होंने कहा कि फर्जी एनकाउंटर के साथ ही हिरासत में मौतों की जांच भी होगी, मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट और पीड़ित परिवारों की शिकायत पर जांच होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि आज संविधान पर हमले हो रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताओं पर झूठे मुकदमों और जांच एजेंसियों के छापे के साथ शारीरिक हमले भी हो रहे हैं। बीजेपी के राजनीतिक कुत्सित इरादों का परिणाम ऐसी स्थितियां है। उन्होंने कहा कि दूसरों पर सिंडिकेट से संचालित होने का आरोप लगाने वाले वास्तव में संघीकेट हैं।
मुरादाबाद में पत्रकारों की पिटाई के मामले में अखिलेश यादव के साथ 20 अन्य सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद केस दर्ज हुआ है। ये एफआईआर मुरादाबाद के थाना पकबारा में दर्ज की गई है। वहीं, सपा मुखिया पर दर्ज मुकदमे के बाद अब पत्रकारों पर भी मामला दर्ज कराया गया है।
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यूपी के मुरादाबाद में अखिलेश यादव की मौजूदगी में उनके सुरक्षाकर्मियों और पत्रकारों के बीच हुई धक्कामुक्की के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। अखिलेश के खिलाफ धारा 147, 342 और 323 के तहत FIR दर्ज हुई। सपा सुप्रीमो के साथ ही 20 अन्य सपा नेताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया।
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