बीते दिनों गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसक के बाद भले ही किसान आंदोलन कमजोर पड़ता नजर आ रहा है, लेकिन किसानों की मांगों को अब एक नई मजबूती मिल गई है। दरअसल, किसानों के आंदोलन को अब अब एक ऐसा सपोर्ट मिल गया है, जिसने लोकपाल बिल के खिलाफ आंदोलन कर केंद्र की पूर्व सत्ताधारी यूपीए सरकार की नींव तक हिला दी थी।
किसानों की मांगों को लेकर अन्ना हजारे ने किया बड़ा ऐलान
जी हाँ, विख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुरूवार को किसानों की मांगों को लेकर एक बार फिर दहाड़ लगाई है। उन्होंने ऐलान किया है कि किसानों की मांगों के पक्ष में वे आंदोलन करेंगे। अन्ना ने कहा कि वह 30 जनवरी से महाराष्ट्र के अहमदनगर के रालेगण सिद्धि में किसानों की कई मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू करेंगे।
अन्ना ने बयान जारी करते हुए अपने समर्थकों से यह अपील की है कि वे जहां पर हैं वहीं से इस प्रदर्शन में हिस्सा लें। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि अगर केन्द्र सरकार किसानों से संबंधित मांगों को नहीं मानती है तो वह भूख हड़ताल शुरू करेंगे। 83 वर्षीय समाजसेवी अन्ना हजारे ने आगे कहा था कि यह उनका आखिरी आंदोलन होगा।
महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि गांव में मीडिया से बात करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि वह किसानों के लिए पिछले तीन साल से प्रदर्शन करते आ रहे हैं लेकिन सरकार ने मामले को सुलझाने के लिए कुछ भी नहीं किया है। पिछले महीने अन्ना हजार ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखते हुए चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो वह भूख हड़ताल करेंगे।
यह भी पढ़ें: ओवैसी के विवादित बयान ने अयोध्या में मचाया हंगामा, संत समाज ने कर दी बड़ी मांग
आपको बता दें कि इसी महीने अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपना फैसला दोहराया था। उन्होंने लिखा था कि कृषि पर एमएस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें समेत उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो वह जनवरी के अंत में भूख हड़ताल करेंगे। हजारे ने कृषि लागत और मूल्य के लिए आयोग को स्वायत्तता प्रदान करने की भी मांग की थी।