बीते मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता काफी शर्मिंदा है। दरअसल, ट्रैक्टर रैली हिंसा को लेकर किसान नेताओं ने माफी मांगी है। साथ ही किसान नेताओं ने अपनी शर्मिंदगी भी जाहिर की है। अपनी शर्मिंदगी जाहिर करते हुए किसान नेता युद्धवीर सिंह ने एक बड़ा ऐलान भी किया है। केवल इतना ही नहीं, इस हिंसक घटना को लेकर उन्होंने बड़ा खुलासा किया है।
किसान नेता ने किया ऐलान
दरअसल, गुरूवार को एक न्यूज चैनल पर चर्चा करते हुए किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, वह निंदनीय है और उसके लिए हम शर्मिंदा भी हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी आंदोलन तभी सफल होता है जब दोनों ओर से सहयोग हो। किसान नेता ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर जब ट्रैक्टर रैली शुरू हुई, उस वक्त मैं गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद था। उन्होंने बताया कि उपद्रवी वहां घुसे उसमें हमारे लोग शामिल नहीं थे।
किसान नेता बोले कि हम हिंसा को लेकर निंदा भी कर रहे हैं। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि इसके प्रायश्चित के लिए 30 जनवरी को एक दिवसीय उपवास करेंगे। दिल्ली पुलिस में भी हमारे ही भाई हैं, ऐसे में उनके साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ हम दिल्ली पुलिस के जवानों से माफी मांगते हैं।
युद्धवीर सिंह ने बयान दिया है कि जो दो संगठन आंदोलन से अलग हुए हैं, वो पहले से ही संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं थे। पहले भी दोनों संगठन आंदोलन से हटे थे, लेकिन उनके इलाकों से जब दबाव बना तब वापस आंदोलन से जुड़ गए थे।
ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद ही किसान संगठनों ने अब एक फरवरी को निकलने वाले संसद मार्च को रद्द कर दिया है, जबकि 30 जनवरी को उपवास रखने की बात कही है। दिल्ली पुलिस हिंसा को लेकर लगातार एक्शन ले रही है और अबतक दर्जनों एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
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आपको बता दें कि मंगलवार को लाल किले की ओर जाने वाले प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे। जिस वजह से कई जगहों पर उनकी पुलिस से झड़प हुई। दिल्ली पुलिस के मुताबिक 300 से ज्यादा जवान ट्रैक्टर रैली हिंसा में घायल हुए हैं। वहीं कई जवानों पर तलवार से भी वार किया गया। जिस वजह से अभी तक दिल्ली के अलग-अलग थानों में 37 केस दर्ज हुए हैं।