कर्मचारियों-शिक्षको ने विरोध सभाएं की, प्रधानमंत्री व मुख्य मंत्री को भेजा ज्ञापन
लखनऊ। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ एवं राज्य कर्मचारी महासंघ व कर्मचारी षिक्षक समन्वय समिति के आवाहन पर मंगलवार को प्रदेश भर के जनपदों में कर्मचारी शिक्षकों ने लंच के समय कार्यालयों/विद्यालयों में विरोध सभाये कर मांगों का प्रस्ताव पारित कर देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री को जिलाधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन सौपा है।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर दूसरे प्रदेषों में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ आगमी 08 अक्टूबर को लखनऊ में समान्वय समिति से जुडे़ महासंघों/परिसंघों/संघों के अध्यक्ष/महामंत्रीयों की महत्वपूर्ण बैठक में अगले आंदोलन तय करने तथा जनपद शाखाओं को सक्रिय किये जाने का निर्णय लिया जायेगा। प्रदेश महासंघ के प्रवक्ता सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कर्मचारियों/शिक्षको की ज्वलंत समस्याओं/वेतन विसंगतियों के निवारण/वेतन भत्तों सुविधाओं में कटौती 50-55 वर्ष की आयु पर स्क्रीनिंग के नाम पर सेवाओ से बाहर किये जाने। बिजली सहित अन्य सरकारी संस्थाओं के अंधाधुन्ध निजीकरण, पुरानी व्यवस्था की बहाली आउट सोसिंग ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर रिक्त पदों पर नियमित भर्ती किये जाने प्रस्तावित नई सरकारी भर्ती संविदा नियमावली कर्मचारी शिक्षको को कैशलेस चिकित्सा सुविध उपलब्ध कराने तथा कोविड -19 में लगे कर्मचारियों को रू0 50.00 लाख का बीमा सुनिश्चित किये जान एवं बढती महंगाई पर रोक लगये जाने जसे मुददों को लेकर लाखों कर्मचारियों/शिक्षको में भारी असंतोष व्याप्त हो रहा है।
श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ में एकीकृत संयुक्त सभा राजभवन के सामने लोक निर्माण विभाग स्थित ’’प्रेरणा सदन’’ में महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसपी सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय विरोध दिवस सम्पन्न हुई प्रमुख रूप से समन्वय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एसपी सिंह, प्रवक्ता सीपी श्रीवास्तव, आरसीडीएस सुपरवाईजर एसोसिएशन के अध्यक्ष रेनु शुक्ला, प्रान्तीय महामंत्री जेपी पाण्डेय, सुधांशू शर्मा, राजीव श्रीवास्वत, दिवारकर सिंह सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया और मांगो का प्रस्ताव पारित कर पुलिस आयुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री/मुख्य मंत्री को प्रेषित किया।