उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में बिजली बकाएदारों से मिलकर सलाह दी है। दरअसल, ऊर्जा मंत्री ने एक लाख से अधिक धनराशि वाले बकायेदारों का दरवाजा खटखटाया और सस्ती बिजली के लिए समय से बिल जमा करने व एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के लाभ बताए। उन्होंने सेक्टर 20, 22 व 25 में उपभोक्ताओं और छोटे दुकानदारों से सुझाव भी लिया। उनके फीडबैक पर तत्काल कमियों को दूर करने के निर्देश दिए।

ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं की समस्याओं के दिए निस्तारण को लेकर निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने इंदिरा नगर सेक्टर 24 उपकेंद्र का औचक निरीक्षण किया और बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के समय से निस्तारण को लेकर निर्देश दिए। उपकेंद्र व मीटर टेस्टिंग लैब की व्यवस्थाओं में खामियों पर नाराजगी जताते हुए प्रबंध निदेशक से वहां टेक्निकल ऑडिट कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सही बिल-समय पर बिल दें। उपभोक्ताओं की सभी शिकायतों का तत्काल निस्तारण हो।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राजधानी व मध्यांचल के सभी जनपदों में ओटीएस में सभी पात्र उपभोक्ताओं का पंजीकरण हो जाये। सभी को इसका लाभ मिले प्रबंध निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे। अभी लखनऊ में कुल पात्र उपभोक्ताओं में केवल 30 फीसदी उपभोक्ताओं का पंजीकरण हुआ है, इन पर 172.56 करोड़ रुपये का बकाया है। उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक के बकायेदारों के अगले 48 घंटे में डोर नॉक हों। उन्हें ओटीएस के लाभ बताएं, सबका पंजीकरण हो, उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन के चेयरमैन यह सुनिश्चित करें।
उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि अधिकारियों का उपभोक्ताओं से संवाद नहीं है, जिससे उपभोक्ता संतुष्टि के हमारे मानकों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने एमडी को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करें और जवाबदेही भी सुनिश्चित करें। कमियों पर उपकेंद्र व मीटर टेस्टिंग लैब की टेक्निकल ऑडिट कर जवाबदेही तय करने के निर्देश भी दिए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आसान किस्त योजना व किसान आसान किस्त योजना में किस्तें न जमा कर पाने वाले उपभोक्ता भी ओटीएस के तहत 100 प्रतिशत सरचार्ज माफी का लाभ ले सकते हैं। सभी प्रबंध निदेशक यह सुनिश्चित करें, पॉवर कार्पोरेशन के चेयरमैन इसकी समीक्षा करें। एक भी पात्र उपभोक्ता योजना से न छूटे।
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उन्होंने निर्देश दिया कि गर्मियों के दृष्टिगत जो भी प्रस्ताव आये हैं, उनका पुनः परीक्षण करा लें और सभी तैयारियों को आवश्यकता के अनुरूप पूरा कर लें। गर्मियों में ट्रिपिंग की समस्या न हो अधिकारी उपकेंद्रों और ट्रांसफर्मरों का निरीक्षण कर कमियों को ठीक कर लें। गर्मियों में दिक्कत हुई तो डिस्कॉम की जवाबदेही भी तय की जाएगी।
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