- पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
- विभागीय परिसम्पत्तियों का रखरखाव अवश्य करें : मंत्री
- अन्त्येष्टि स्थल लोगों के इस्तेमाल में आये, स्थल चुनाव में इसका अवश्य ध्यान रखे
- अधिकारियों और कर्मचारियों के बायोमैट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करें : राजभर
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पंचायतीराज विभाग के सभागार में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ योजनाओं की समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/परियोजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक समय से पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी लाभार्थियों के चयन में पारदर्शिता के साथ कार्य करें। किसी भी प्रकार की अनियमितता पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि अधिकारी विभागीय परिसम्पत्तियों का लेखा जोखा तैयार करें। परिसम्पत्तियों का उचित रख-रखाव होना चाहिए। किसी अवैध कब्जे की स्थिति में परिसम्पत्तियों को मुक्त करायें और उस पर विभाग निर्माण कार्य करायें। उन्होंने कहा कि पंचायतें स्वयं कार्ययोजना बनाकर कार्य करें और लाभ अर्जित करे। योजनाओं/परियोजनाओं को चौपाल के माध्यम से जन-जन तक पहुंचायें और सरकार की मंशानुरूप उसका लाभ लोगों को प्राप्त हो। विभागीय अधिकारी हो रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच करायें और स्वयं इसकी मॉनीटरिंग भी करें।
पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि पंचायतों में बन रहे अन्त्येष्टि स्थल लोगों के इस्तेमाल के हिसाब से बनवाये। उन्होंने कहा कि सरकार पैसा खर्च कर रही है तो उसका लाभ भी लोगों को मिलना चाहिए। अन्त्येष्टि स्थल बनाते समय अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि अन्त्येष्टि स्थल के समीप कोई नदी या जलाशय की व्यवस्था हो। साथ ही वहां पर लकड़ी इत्यादि की भी व्यवस्था हो, जिससे लोग अन्त्येष्टि स्थल का इस्तेमाल कर सके। उन्होंने कहा कि हम इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोगांे को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करा सकेंगे। उन्होंने 20-25 गॉवों के समूह बनाये और उन गॉवों के मध्य एक बड़े पैमाने पर अन्त्येष्टि स्थल का निर्माण कराये। जिससे कि अन्त्येष्टि स्थल बनाने की शासन की मंशा साकार हो सके।
पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालय क्रियाशील अवस्था में होने चाहिए। किसी भी परिस्थिति में सामुदायिक शौचालय बंद न रहें। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 समय से पूर्व ही ओडीएफ होने का लक्ष्य हासिल कर चुका है। अब विभाग ओडीएफ प्लस की संकल्पना पर कार्य कर रहा है। ओडीएफ प्लस योजना के अंतर्गत सालिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था पर विभाग काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी स्वयं मॉनीटरिंग कर ही प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण उचित ढंग से किया जा रहा है अथवा नहीं। इसके अलावा उन्होंने व्यक्तिगत शौचालय निर्माण स्थिति का भी जानकारी ली और खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों को चेतावनी देते हुए सुधार लाने के निर्देश दिये।
पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि अधिकारियों/कर्मचारियों के आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति करायी जाए, जिससे कि समय से कार्यालय में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराई जा सके। उन्होंने कहा कि बिना उपस्थिति के किसी भी योजना का सफल क्रियान्वयन नहीं किया जा सकता।बैठक में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डायरेक्टर पंचायतीराज अतुल कुमार राय, अपर निदेशक पंचायतीराज राजकुमार, संयुक्त निदेशक आरएस चौधरी एवं एसके सिंह, उप निदेशक परवीना चौधरी, एसएन सिंह, योगेन्द्र कटियार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।