जिले की अमृतपुर विधान सभा क्षेत्र में रातों-रात बदले चुनावी समीकरण से भाजपा और निर्दल उम्मीदवार के बीच सीधी टक्कर हो गई है। मतदाता वोट डालने के बाद निर्दल उम्मीदवार जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।
भाजपा नेता पूर्व मंत्री स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी की जन्मस्थली रहे अमृतपुर विधान सभा क्षेत्र में हो रहे मतदान में मतदाता रातो रात करवट बदल गया है। इस विधान सभा क्षेत्र से भाजपा से सुशील कुमार शाक्य, सपा से डॉक्टर जितेंद्र सिंह यादव, बसपा से राहुल कुशवाह व कांग्रेस उम्मीदवार तथा निर्दल उम्मीदवार पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव चुनाव मैदान में हैं।
यादव बाहुल्य इस विधान सभा में 2012 में हुए चुनाव में सपा से नरेंद्र सिंह यादव ने भाजपा के सुशील शाक्य को हराया था।2017 में हुए विधान सभा चुनाव के समय सपा में खेमे बन्दी ओर भाजपा की लहर के चलते नरेंद्र सिंह यादव चुनाव हार गए थे। वर्ष 2022 में हो रहे चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने नरेंद्र सिंह यादव का टिकट काट दिया। इस विधान सभा से डॉक्टर जितेंद्र सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाया। नरेंद्र सिंह यादव अमृतपुर विधान के जनप्रिय नेता हैं।
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आजादी के बाद हुए चुनाव में नरेंद्र सिंह के पिता बाबू राजेन्द्र सिंह यादव 6 बार इस विधान सभा से विधायक चुने गए। उनके निधन के बाद पिता की कमान नरेंद्र सिंह यादव ने संभाली। नरेंद्र सिंह यादव भी इस विधान सभा से पांच बार विधायक चुने गए।16 बार हुए चुनाव में 11 बार राज नरेंद्र सिंह यादव के परिवार का रहा। जमीन से जुड़े नेता होने की वजह से आज यहां हो रहे मतदान में मतदाता रातों रात करवट ले गया। जिससे भाजपा और निर्दल उम्मीदवार नरेंद्र सिंह के बीच सीधी टक्कर हो गई। हालात यह है कि सपा समर्थित मतदाता ऐलानिया निर्दल उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर रहे है।