प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को विशेष पीएमएलए कोर्ट में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध मनी लॉड्रिंग मामले में 7 हजार पन्नों की पूरक चार्जशीट पेश की है। इस चार्जशीट में ईडी ने वसूली मामले में अनिल देशमुख तथा उनके दोनों बेटों को मुख्य आरोपित बनाया है।
ईडी ने कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में कहा है कि महाराष्ट्र में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले में अनिल देशमुख के इशारे पर ही वसूली की जा रही थी। साथ ही अनिल देशमुख के कहने पर ही पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे मुंबई सहित सूबे के होटल व बीयर बार से वसूली किया करते थे। ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि सचिन वाझे ने अनिल देशमुख को वसूली के 4.7 करोड़ रुपये दिए थे और यह धनराशि दिल्ली की विभिन्न कंपनियों में तथा नागपुर में श्री साई शिक्षण संस्थान में अनिल देशमुख व उनके दोनों बेटों ने निवेश किया। ईडी ने अपनी पूरक चार्जशीट में कहा है कि अनिल देशमुख अपने दो सहायक संजीव पालांडे व कुंदन शिंदे के माध्यम से वसूली कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी की घोषणा, अनुदेशकों का दो हजार और रसोइयों का 500 रुपये बढ़ा मानदेय
उल्लेखनीय है कि निलंबित आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूली का लक्ष्य देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। इसी आधार पर ईडी की टीम अनिल देशमुख से पूछताछ कर रही है। ईडी ने अनिल देशमुख को इस मामले में गिरफ्तार किया है और वे इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा गया हैं।