जिले में पिछले दो दिनों से बर्फबारी से कपकोट के उच्च हिमालयी गांव बर्फ से लकदक हो गए हैं। बारिश और बर्फबारी से पर्यटकों और किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। इससे सब्जी, फल की फसलों के साथ रबी की फसल को भी लाभ मिलेगा। बर्फबारी के कारण समूचे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिला प्रशासन ने ठंड से बचाव के लिए चौक व चौराहे पर अलाव की व्यवस्था की है।
जिले में एक सप्ताह से मौसल लगातार बदल रहा है। आसमान में बादल और बारिश के बीच चल रही सर्द हवाओं से कड़ाके सर्दी पड़ रही है। मंगलवार की रात से घाटी वाले क्षेत्र में बारिश और ऊंचाई वाले गांवों में बर्फबारी का क्रम जारी है। गुरुवार को भी बर्फबारी के चलते शीतलहर का प्रभाव बना रहा है। उच्च क्षेत्र खाती, बाछम, बदियाकोट, झूनी, खलझूनी, पतियासार, तीख, डौला, शामा, धूर, कर्मी, मिकिलाखलपट्टा, शिखर, पिनाकेश्वर आदि क्षेत्र में बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है। घाटी वाले इलाकों में बारिश होने से रबी की फसल और सब्जी उत्पादन में लगे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। किसानों का कहना है कि रबी की फसल के लिए यह बारिश व बर्फबारी संजीवनी का काम करेगी।
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जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालयों में प्रशासन की ओर से अलाव जलाए जा रहे हैं। इसके साथ जगह-जगह गरीब सड़कों पर रात गुजार रहे लोगों को कंबल वितरण का कार्य जारी है। आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि बर्फबारी की सूचना के बाद विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सड़कों के बन्द होने की सूचना मिलने पर त्वरित कार्यवाही कर सड़कों को खोलने का काम किया जाएगा।