विधानसभा चुनाव में कुछ माह शेष देख चुनाव आयोग भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की तैयारियों में जुट गया है। शुक्रवार को मंडलीय सभागार में निर्वाचन आयोग भारत सरकार ने चुनावी तैयारियों से सम्बन्धित मैराथन समीक्षा बैठक की। बैठक में शामिल वाराणसी, मिर्जापुर तथा आजमगढ़ मण्डल के सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षकों से डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर डॉ चन्द्र भूषण कुमार ने स्वीप पर विशेष ध्यान देते हुए कम मतदान वाली जगहों को चिन्हित करते हुए प्रचार प्रसार कराने पर खासा जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव को सकुशल सम्पन्न कराने में पहली प्राथमिकता वोटर लिस्ट का सही होना सबसे जरूरी है। यह चुनाव की नींव है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि सही वोटर का नाम लिस्ट में होना चाहिए, छूटना नहीं चाहिये।
उन्होंने कहा कि पांच जनवरी 2022 को फाइनल लिस्ट का प्रकाशन होने के बाद लोगों तक यह सूचना विभिन्न माध्यमों से दी जाए। स्वीप की रणनीति और अच्छी तरह से संचालित करते हुए वोटर लिस्ट में अपना नाम देखने के तरीके बताये जायें। जिससे मतदाता अपना-अपना नाम वोटर लिस्ट में चेक कर सकें। उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्रों की एएमएफ, सभी सुविधाएं पूर्ण होनी चाहिए, पांच से ज्यादा बूथ वाले केन्द्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए उनके इंट्री व एक्जिट आदि चेक कर लिया जाए। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जाये। उन्होंने सभी जनपदों में पार्टी रैलियों/जन सभाओं के लिए स्थलों को चिन्हित कर फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व पर खासा बल दिया।
उन्होंने कहा कि पोलिंग पार्टियों की ट्रेनिंग अच्छी तरह से करायें और वे एकदम प्रशिक्षित हों। मतदान केन्द्रों पर पोलिंग पार्टियों के ठहरने तथा सुरक्षा कर्मियों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जायें। वेब कास्टिंग के लिए डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे 50 प्रतिशत से ऊपर जितनी वेब कास्टिंग कराना चाहें करा सकते हैं। काउंटिंग हाल में सात टेबुल लगाये जाने हेतु निर्वाचन आयोग के निर्देश दिए गए हैं।
डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर नितेश व्यास ने ईवीएम और वीवीपैट की उपलब्धता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी मशीनें थर्ड जनरेशन की हैं, जिसमें अन्य एडवांस सुरक्षात्मक फीचर्स डाले गये हैं जो हर जिलों को पर्याप्त मात्रा में कंट्रोल यूनिट 120 फीसद, वीवीपैट 130 फीसद उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने कहा कि ईवीएम डिमांस्ट्रेशन सेंटर के माध्यम से लोगों को वोट डालने की प्रक्रिया बतायी जाये। मोबाइल वैन के द्वारा भी लोगों को जागरूक करने और वोट डालने की प्रक्रिया बताये जाने का निर्देश दिया। ईवीएम में फर्स्ट लेवल चेक (एफएलसी), कमीशनिंग तत्पश्चात् सिम्बल लोडिंग आदि चरणों में पारदर्शिता के लिए हाल में स्क्रीन पर डिस्प्ले,उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधि की मौजूदगी,ईवीएम मशीनें सावधानीपूर्वक हैंडिल करने पर जोर दिया गया।
पेगासस जासूसी मामले पर ममता बनर्जी को SC से लगा झटका, पश्चिम बंगाल आयोग पर लगी रोक
डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर डॉ चंद्र भूषण कुमार ने कमिश्नरी वाले जिलों में शहरी क्षेत्र में कम से कम एक आल वूमेन पोलिंग बूथ बनाने, उस पर शत-प्रतिशत महिला मतदान कर्मी होने, जेंडर रेशियो बढ़ाने की बात कही। समीक्षा बैठक में तीनों मण्डलों के सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।