धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव शुरू हो गया है। धनतेरस का पर्व शनिवार व रविवार को मनाया गया है। इसी तरह से रूप चौदस का पर्व भी रविवार को भी मनाया जा रहा है। रूप चौदस आज रविवार को 4:45 से आयेगी, और सोमवार को शाम पांच बजकर 29 मिनिट तक रहेगी। इसके बाद कार्तिक अमावस्या प्रारंभ होगी। इसके बाद महालक्ष्मी का पूजन प्रारंभ हो जायेगा। मंगलवार को सूर्य ग्रहण होने का सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है। इसलिए सूतक चार बजे से लगेगा। इसलिए मंदिर के पट रात में बंद होने के बाद बुधवार को खुलेंगे। इसलिये गोर्वधन पूजन व अन्नकूट का आयोजन भी बुधवार को किया जायेगा। हवन पूजन में शुभ मुहुर्त का विशेष महत्व रहता है। इसलिये हवन पूजन शुभ लग्न व मुहुर्त करना ही विशेष फलदायी होता है।
पंच दिवसीय दीपोत्सव के मुहूर्त
23 अक्टूबर धन्वंतरी पूजन सांय 04:45 बजे तक
23 अक्टूबर रूप चौदस / नरक चतुर्दशी सांय 4:45 बजे उपरांत
24 अक्टूबर दीपावली
Diwali Puja 2022: अपरान्ह 05:29 बजे अमावस्या तिथि प्रारंभ
25 अक्टूबर सूर्य ग्रहण–देवपूजन नहीं
26 अक्टूबर गोवर्धन पूजा /अन्नकूट
दोपहर 02:47 बजे तक प्रतिपदा उपरांत द्वितीया
27 अक्टूबर भैया दूज दोपहृर 12:44 बजे पर्यन्त पश्चात तृतीया
Diwali Puja Muhurat Time: दीपावली पूजन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
अमृत सुबह छह बजे ,से साढ़े सात बजे तक
शुभ- सुबह नौ बजे से 10:30 बजे तक
चर – दोपहर डेढ़ बजे से तीन बजे तक
लाभ – दोपहर तीन बजे से साढ़े चार बजे तक
Diwali Puja Muhurat 2022: दीपावली पूजन के लिये लग्न अनुसार शुभ मुहूर्त
वृषभ लग्न- सुबह आठ बजकर 34 मिनिट से नौ बजकर 11 मिनिट तक
सिंह लग्न- मध्यरात्रि एक बजकर 42 मिनिट से तीन बजकर 57 मिनिट तक
वृषिचक लगन- सुबर आठ बजकर 34 मिनिट से 10 बजकर 51 मिनिट तक
कुंभ लग्न- दोपहर दो बजकर 38 मिनिट से चार बजकर आठ मिनिट तक
गोधूलि प्रदोष बेला – शाम पांच बजकर 58 मिनिट से रात्रि आठ बजकर 32 मिनिट तक
24 अक्टूबर को दीपावली पूजन के पश्चात मध्य रात्रि 1:47 से 3:57सिंह लग्न मे पूजन उपरांत मां लक्ष्मी का पाटा उठाकर यथा स्थान पर विराजित कर दे और 25 अक्टूबर को शाम 7:00 बजे के बाद(ग्रहण के मोक्ष उपरांत) देव पूजन करें।