वायु प्रदूषण की खराब स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में एनजीटी के आदेश पर योगी सरकार ने पटाखे जलाने पर बैन लगाया था। लेकिन सख्त निर्देश के बावजूद लोग नहीं माने। शनिवार रात को जमकर आतिशबाजी की गई। दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद समेत कानपुर, लखनऊ जैसे शहरों में भी लोगों ने आदेश की धज्जियां उड़ाईं। दिल्ली से सटे एनसीआर रीजन में आने वाले शहरों का आतिशबाजी के बाद अब बुरा हाल है। नोएडा और गाजियाबाद में औसत 24 घंटे की वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक गिर गई, जबकि ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्थिति बहुत खराब रही।

नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) ने हाल ही में 9 नवंबर की आधी रात से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक पटाखों की बिक्री और जलाने पर पूरी तरह से बैन लगाया है। यह बैन दिल्ली, एनसीआर और यूपी के 13 शहरों की एयर क्वालिटी बिगड़ने को लेकर लगाया गया है। लेकिन बैन के बावजूद लोग बाज नहीं आए। गाजियाबाद की रहने वाली अमिता सिन्हा ने बताया कि शनिवार की पूरी रात ताबड़तोड़ पटाखे जलाए जाने की आवजें आती रहीं। उन्होंने कहा कि किसी ने भी एनजीटी का आदेश नहीं माना और न ही किसी को पर्यावरण की फिक्र दिखी। लोगों ने जमकर कानून तोड़ा। इंदिरापुरम और वसुंधरा इलाके में भी यही हाल नजर आया।
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कानपुर, लखनऊ समेत यूपी के 13 जिलों में पटाखे बैन का सख्ती से पालन करवाने का आदेश दिया गया था लेकिन आदेश का कोई पालन करते नजर नहीं आया। कानपुर में खुलेआम जगह-जगह आसानी से पटाखे बेचे गए जबकि सरकार ने बिक्री पर भी बैन लगाया था। लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। बुरी स्थिति तो यह रही कि इस बार रविवार तड़के तक लोगों ने पटाखे जलाए। हर तरफ धुआं-धुआं ही नजर आया। हरियाणा के फरीदाबाद निवासी और गुड़गांव के रहने वाले लोगों ने बताया कि एनजीटी के बैन और सरकार के आदेश का कोई असर नजर नहीं आया।
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