सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो भाजपा नेताओं- अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा औऱ अभय वर्मा के खिलाफ हेट स्पीच को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग पर तीन महीने के अंदर फैसला करे। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली हिंसा के तीन पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किया।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की है, जिसमें दिल्ली से बाहर के अधिकारी हों। उन्होंने दिल्ली हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने और हिंसा से जुड़े सीसीटीवी फुटेज के संरक्षण की भी मांग की। उन्होंने कहा कि वे निराश हो चुके हैं क्योंकि हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई में देरी कर रही है। गोंजाल्वेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मार्च 2020 में समयबद्ध फैसला करने का आदेश भी दे चुका है, उसके बावजूद सुनवाई में देरी की जा रही है।
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गोंजाल्वेस ने कहा कि हाई कोर्ट कह रहा है कि पहले वो दिसंबर 2019 में जामिया हिंसा के दौरान पुलिस के अत्याचार की जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद ही दिल्ली हिंसा के मामले पर सुनवाई करेगा, लेकिन जामिया मामले की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। इसकी वजह से हेट स्पीच को लेकर दायर उनकी याचिका पर सुनवाई में देरी हो रही है।
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