महाराष्ट्र के ठाणे जिला सत्र न्यायालय ने बुधवार को एंटीलिया केस से जुड़े मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को रोकने और इसे तत्काल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का आदेश दिया है। इस मामले में एनआईए ने न्यायालय में अपील की थी कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बावजूद एटीएस उसे मामले की जांच हैंडओवर नहीं कर रहा है। सत्र न्यायालय का यह निर्णय राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
एटीएस कर रहा था मामले की जांच
उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटीलिया बंगले के पास 25 फरवरी को संदिग्ध हालात में खड़ी एक स्कॉर्पियो कार मिली थी, जिसमें से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद की गई थीं। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है और मुख्य आरोपित के रूप में क्राइम ब्रांच में तैनात रहे पुलिस के निलंबित सहायक निरीक्षक सचिन वाझे को गिरफ्तार किया है।
आगे की जांच में पता चला था कि स्कॉर्पियो कार के मालिक मनसुख हिरेन हैं। इसके कुछ ही दिनों के बाद मनसुख हिरेन का शव मुंब्रा स्थित रेतीबंदर खाड़ी के पास मिला था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच एटीएस को सौंप दी थी।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनसुख हिरेन मौत मामला भी एंटीलिया केस से जुड़े होने की वजह से इसकी जांच एनआईए को सौंप दी थी। एनआईए ने इस संबंध में महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को पत्र भी लिखा था, लेकिन एटीएस ने मामले की जांच एनआईए को नहीं सौंपी।
राज्य के एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों वार्ता में कहा था कि वे 25 मार्च को एनआईए कोर्ट से सचिन वाझे के रिमांड की मांग करेंगे। इसके बाद ही एनआईए ने ठाणे जिला सत्र न्यायालय में मनसुख हिरेन मौत मामले की जांच संबंधी याचिका दायर की थी।