आजादी दिवस की पूर्व संध्या पर विभाजन विभीषिका दिवस मनाने के मसले पर लगातार दूसरे साल विवाद हुआ है। इस आयोजन की शुरुआत पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस साल भी उन्होंने ट्विट करके उन लोगों को श्रद्धांजलि दी, जो विभाजन के दौरान मारे गए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मौके पर एक मौन जुलूस का नेतृत्व किया। भाजपा ने एक वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो को लेकर विवाद छिड़ा है क्योंकि इसमें भाजपा ने विभाजन का ठीकरा पंडित जवाहर लाल नेहरू के ऊपर फोड़ा है।
सात मिनट के इस वीडियो में भारत के बंटवारे के लिए जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार बताया गया है। इतना ही नहीं मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग की पाकिस्तान बनाने की मांग के आगे नेहरू को झुकने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। कांग्रेस ने इस वीडियो पर पलटवार किया है। कांग्रेस के महासचिव और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा- 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के पीछे प्रधानमंत्री की वास्तविक मंशा सबसे दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना है।
रमेश ने कहा- देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। गौरतलब है कि पिछले साल 14 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि 1947 में विभाजन के दौरान भारतीयों के कष्टों और बलिदानों की देश को याद दिलाने के लिए हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
बहरहाल, भाजपा के वीडियो में सिरिल जॉन रेडक्लिफ को दिखाया गया है, जिन्होंने पंजाब और बंगाल को लगभग आधे हिस्से में विभाजित कर दिया था। इसमें सवाल किया गया है कि एक व्यक्ति, जिसे भारतीय सांस्कृतिक विरासत का कोई जानकारी नहीं है, उसे केवल कुछ हफ्तों में भारत को बाटंने की अनुमति कैसे दी गई। पूरे वीडियो में नेहरू के दृश्य दिखाए गए हैं, इसके साथ ही वॉयस ओवर में बंटवारे की भयावहता को बयान किया गया है। भाजपा ने इस वीडियो के साथ ट्विट करते हुए लिखा है- जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था, उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी।
जयराम रमेश ने इस वीडियो पर पलटवार करते हुए एक के बाद एक कई ट्विट किए और उन्होंने कहा कि सच यह है कि दो राष्ट्र का सिद्धांत सावरकर ने दिया था। जयराम रमेश ने ट्विट करते हुए लिखा है- सच ये है कि सावरकर ने दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया और जिन्ना ने इसे आगे बढ़ाया। रमेश ने कहा- पटेल ने लिखा था, ‘मुझे लगता है कि अगर विभाजन स्वीकार नहीं किया गया, तो भारत कई टुकड़ों में बंट जाएगा।