सुप्रीम कोर्ट ने दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगा दी है। 103वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत (Supreme Court) की पांच जजों की बेंच ने 3-2 से अपना फैसला सुनाया। तीन जजों (Judges) ने समर्थन में अपना फैसला दिया जबकि CJI UU Lalit और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने इसके खिलाफ अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने गरीब सवर्णो के लिए 10 फीसदी कोटा को सही ठहराया। कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) ने विवादित बयान दिया है।
उदित राज का ट्वीट
अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाने वाले उदित राज ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट जातिवादी है, अब भी कोई शक! EWS आरक्षण की बात आई तो कैसे पलटी मारी कि 50% की सीमा संवैधानिक बाध्यता नही है लेकिन जब भी SC/ST/OBC को आरक्षण देने की बात आती थी तो इंदिरा साहनी मामले में लगी 50% की सीमा का हवाला दिया जाता रहा।’ राज पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं।
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पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को लेकर भी उन्होने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। 2019 में लोकसभा चुनाव की मतगणना से चार दिन पहले उन्होंने ट्वीट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं चाहता कि VVPAT की सारी पर्चियों को गिना जाए? क्या वह भी धांधली में शामिल है? चुनावी प्रक्रिया में जब लगभग 3 महीने से सारा सरकारी काम मंद पड़ा हुआ है तो गिनती में 2-3 दिन लग जाए तो क्या फर्क पड़ता है?’ इससे पहले उन्होंने चुनाव को पर भी बिकने का आरोप लगाया था।