कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चुनाव प्रचार खत्म होने से कुछ समय पहले आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर संगीन आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके सहयोगी रहे कुमार विश्वास के आरोपों से केजरीवाल बुरी तरह से गिर गए हैं। कुमार विश्वास ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल अलगाववादियों व खालिस्तानी समर्थकों के साथ मिलकर पंजाब पर राज और पंजाब के रास्ते केंद्र की सत्ता हासिल करना चाहते थे। केजरीवाल के इस षड्यंत्र का खुलासा कुमार विश्वास ने कर दिया है। कुमार विश्वास ने केजरीवाल को चुनौती भी दी कि वह जहां कहें, सबूत लेकर आ जाते हैं। अब केजरीवाल उनकी चुनौती को स्वीकार करने के बजाय मीडिया के सवालों से बचते हुए घूम रहे हैं।
निर्वाचन आयोग पर भी उठाए सवाल
सुरजेवाला ने चुनाव आयोग को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि चुनाव आयोग में कुमार विश्वास के मुख्य वीडियो व उनके द्वारा जारी की गई सामग्री को प्रकाशित व प्रसारित करने पर पहले प्रतिबंध लगाया। जब कुमार विश्वास ने इसका विरोध जताया तो आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया। इससे पता चलता है कि इस पूरे मामले में केजरीवाल सम्मिलित हैं। अगर केजरीवाल शामिल नहीं है तो वह खुलकर सामने क्यों नहीं आ रहे हैं। कुमार विश्वास के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। यह देश की सुरक्षा का मामला है। इस मामले में केंद्र सरकार को भी हस्तक्षेप करके केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार चाहे तो एनआईए के जरिए केजरीवाल पर मामला दर्ज करवाकर कार्रवाई कर सकती है। पंजाब ने पहले ही काला दौर झेला है। अब अगर पंजाब इस प्रकार से बर्बाद करने और अलग करने की साजिशें चल रही हैं तो उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने एचएस फूलका, सुच्चा सिंह छोटेपुर जैसे नेताओं को पार्टी में किनारे कर दिया। कई नेता हैं जिनको केजरीवाल ने सिर्फ सत्ता सुख के लिए किनारे किया। अब केजरीवाल भगवंत मान को आगे करके षड्यंत्र करके चोरी-छिपे पंजाब में मुख्यमंत्री बनने का सपना भी देखने लगे हैं। उन्होंने केजरीवाल से कई सवाल भी किए।
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सीएम चन्नी के भाई पर कार्रवाई के दिए संकेत
सुरजेवाला ने कांग्रेस में अनुशासनहीनता को लेकर कहा कि पार्टी की नीतियों व अनुशासन को भंग करने वाले कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है और कई अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी चाहे मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित चरणजीत सिंह चन्नी के भाई की बगावत का मामला ही क्यों ना हो।