‘यूपी-बिहार के भइये’ पर PM मोदी ने पूछा- कहाँ पैदा हुए गुरु गोबिंद सिंह और संत रविदास, बोले- पंजाब का एक गाँव न ऐसा, जहाँ ‘भाई’ न हों

 

 

पंजाब के सभी 117 विधानसभा सीटों पर 20 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र ने गुरुवार (17 फरवरी) को अबोहर में अपनी अंतिम रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा यूपी-बिहार के लोगों को भइया कहकर उन्हें राज्य में घुसने से रोकने वाले बयान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसा कहकर कॉन्ग्रेस ने गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मभूमि बिहार और संत रविदास की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश को अपमानित किया है। इस दौरान कॉन्ग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि वहाँ बैठा दिल्ली का एक परिवार इस पर ताली बजा रहा था।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कहा, “कॉन्ग्रेस हमेशा से एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे से लड़ाती रही है, ताकि उनकी गाड़ी चल जाए। कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्री ने जो कल बयान दिया है, उस पर उनके बगल में बैठा ‘दिल्ली का परिवार’ है, जो मालिक है, वह खड़े होकर तालियाँ बजा रहा है। ये पूरे देश ने देखा है। अपने इन बयानों से ये लोग किसका अपमान कर रहे हैं? यहाँ का कोई ऐसा गाँव नहीं होगा, जहाँ पर हमारे उत्तर प्रदेश और बिहार के भाई-बहन मेहनत ना करते हों।”

संत रविदास को याद करते हुए पीएम ने कहा, “कल ही हमने संत रविदास जी की जयंती मनाई है। ये नेता बताएँ कि संत रविदास जी कहाँ पैदा हुए थे। पंजाब में पैदा हुए थे क्या? संत रविदास जी उत्तर प्रदेश के बनारस में पैदा हुए थे और आप कहते हो कि उत्तर प्रदेश के भइयों को घुसने नहीं देंगे। तो क्या आप संत रविदास जी को निकाल दोगे? क्या आप संत रविदास जी के नाम को मिटा दोगे?”

 

सिखों के गुरु को याद करते हुए पीएम ने आगे कहा, “मैं ये भी पुछना चाहता हूँ कि गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म कहाँ हुआ था? उनका जन्म पटना साहिब में हुआ था। हमारे गुरु महाराज गुरु गोबिंद सिंह जी जन्म पटना, बिहार में हुआ और तुम कहते हो कि बिहार के लोगों को घुसने नहीं देेंगे? तो क्या तुम गुरु गोबिंद सिंह महाराज का अपमान करोगे? जिस मिट्टी में गुरु गोबिंद सिंह जी ने जन्म लिया, उस मिट्टी का अपमान करोगे? गुरु गोबिंद सिंह जी ने जिस मिट्टी में जन्म लेकर हमारी रक्षा की, वहाँ के लोगों को अपने प्रदेश में घुसने नहीं दोगे, ऐसी भाषा का प्रयोग करोगे क्या?”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के विभाजनकारी लोगों को पंजाब में एक पल के लिए राज करने का अधिकार नहीं है। पंजाब सीमावर्ती राज्य है और इसकी सीमा पर हमेशा नापाक नजरें गड़ी रहती हैं। इसलिए यहाँ जो सरकार बनेगी, उसके लिए ‘राष्ट्र प्रथम, नेशन फर्स्ट’ प्रतिबद्ध सरकार होनी चाहिए। ढुलमुल रवैए वाले लोग नहीं होने चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि जो लोग भारत को एक राष्ट्र ही नहीं मानते, ऐसे लोगों के हाथ में पंजाब की सुरक्षा और देश की अखंडता सुपुर्द नहीं की जा सकती। पंजाब आज अनेक चुनौतियों का मुकाबला कर रहा है। इन चुनौतियों में राजनीतिक अस्थिरता वाली चुनौती किसी भी हालत में जोड़नी नहीं है, लेकिन कॉन्ग्रेस हमें एक बार फिर अस्थिरता की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है।

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सिख दंगों की भयावहता को याद करते हुए पीएम ने कहा, “84 के दंगों के समय नरसंहार चल रहा था और कॉन्ग्रेस के नेता क्या कर रहे थे और कौन कहाँ से आ रहे थे ये आप से बेहतर कौन जान सकता है। उस समय भाजपा के कार्यकर्ता एक भी सिख भाई को तकलीफ नहीं होने दिए। हम पंजाब के लोगों के साथ डटकर खड़े रहे।”