प्रयागराज के प्रतापपुर विधानसभा में 2002 से कांग्रेस को जीत नसीब नहीं

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज सबसे बड़ा जिला है, यहां 12 विधानसभा की सीटें हैं। 2017 में जिले की 12 में 9 सीटों पर भाजपा व अपना दल का कब्जा हो गया। प्रतापपुर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में आती है। प्रतापपुर विधानसभा सीट पर सभी दलों ने बारी-बारी से जीत दर्ज की है।

शुरुआत में कांग्रेस प्रत्याशी की इस सीट पर जीत हुई है। कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय ने इस विधानसभा सीट से सबसे ज्यादा जीत दर्ज 4 बार की है। दो बार जनता दल ने इस सीट पर अपनी विजय पताका फहराया। 1993 में यह सीट बसपा के खाते में चली गई। बसपा प्रत्याशी जवाहरलाल दिवाकर ने कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय को हराया था। यहां सबसे ज्यादा कांग्रेस का प्रत्याशी जीता है, लेकिन 2002 के बाद से पार्टी को यहां जीत नसीब नहीं हुई।

वर्ष 1977 में जनता पार्टी से हर प्रताप सिंह 25,767 मत पाकर कांग्रेस के जंग बहादुर सिंह पटेल को 604 मतों से पराजित किया था। 1980 में कांग्रेस से श्याम सूरत उपाध्याय ने जनता पार्टी के हर प्रताप सिंह को पराजित किया। 1985 में पुनः कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय ने हर प्रताप सिंह को हराया। 1989 में जनता दल से राजेन्द्र त्रिपाठी ने कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय को पराजित किया। 1991 में बसपा अस्तित्व में आई और दूसरे स्थान पर रही। जनता दल से विक्रमाजित मौर्या ने बसपा के जवाहर लाल दिवाकर को पराजित किया। 1993 में बसपा विजेता बनी और जवाहरलाल दिवाकर ने कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय को पराजित किया। 1996 में सपा अस्तित्व में आई और भाजपा दूसरे स्थान पर रही। सपा से जोखू लाल ने भाजपा के देवराज सिंह को हराया। 2002 में कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय ने सपा के जोखू लाल यादव को हराया। 2007 में सपा से जोखू लाल यादव ने बसपा के सईद अहमद को पराजित किया। 2012 में सपा से विजमा यादव चुनी गई, उन्होंने बसपा के मो. मुजतबा सिद्दीकी को पराजित किया। 2017 में मोदी लहर के दौरान भी बसपा से मो. मुजतबा सिद्दीकी को विजय मिली और उन्होंने भाजपा-अद गठबंधन से करन सिंह को 2654 वोटों से हराया था।


उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत नहीं लड़ेंगे विस चुनाव, पार्टी अध्यक्ष को लिखा पत्र

– मतदाताओं पर एक नजर

प्रतापपुर विधानसभा में मतदाताओं की बात की जाये तो यहां सवर्ण मतदाताओं का खासा वर्चस्व है। यहां दूसरे नंबर पर यादव मतदाताओं की संख्या है। वर्ष 1977 में जनता पार्टी के हर प्रताप सिंह 25,767 मत पाकर विजयी हुए थे। वर्ष 2017 में 3,73,246 मतदाता रहे। जबकि 2022 में यह संख्या बढ़ कर 4,04,518 हो गयी। यानि 31,272 मतदाता बढ़ गये हैं।

इस सीट की खास बात है कि यहां पर कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय काफी चर्चा में रहे हैं। 1996 के चुनाव में यह सीट सपा प्रत्याशी जोखू लाल ने जीती। लेकिन 2002 में श्याम सूरत उपाध्याय फिर जीत गए। 2007 और 2012 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने यहां से जीत हासिल की। मोदी लहर में भी इस सीट पर भाजपा को हार झेलनी पड़ी।