कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कांफ्रेंस करके मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो देश को 2014 से पहले जो जुमले ने सुनाए गए थे, आज उसकी सच्चाई क्या है? जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, मोदी जी की कृपा से उनके स्वघोषित अमृतकाल में वो दिन भी देश ने देख ही लिया। भारत का रुपया अमरीकी डॉलर के मुक़ाबले 80 पार कर गया। यह वही रुपया है जिससे प्रधानमंत्री की आबरू और प्रतिष्ठा जुड़े होने का दावा खुद मोदी जी करते थे। आज जिस तेज़ी से रुपया गिर रहा है – कहीं मोदी जी की यह मंशा तो नहीं है कि पेट्रोल की तरह इसको भी शतक लगवा दिया जाए?
मोदी जी की कृपा से उनके स्वघोषित अमृतकाल में वो दिन भी देश ने देख ही लिया
उन्होंने आगे कहा कि 2014 के पहले रुपए की मजबूती के लिए मोदी जरूरी है, का दावा करने वाले प्रधानमंत्री तो हमारे रुपए के लिए बड़े हानिकारक साबित हुए। इन तथाकथित मज़बूत PM ने इतिहास में रुपए को सबसे कमजोर बना दिया। पिछले 6 महीने में रुपया 7% से ज़्यादा गिरा है। कभी कोरोना, कभी यूक्रेन-रुस की जंग के पीछे कब तक छिपते रहेंगे प्रधानमंत्री जी?
यह वही रुपया है जिसकी क़ीमत 2014 में 1 डॉलर के मुक़ाबले मात्र 58 थी और आज 80 के पार है – 8 साल में 1 डॉलर के मुक़ाबले 22 रुपए की गिरावट! प्रधानमंत्री जी अपनी उजड़ती आबरू और गिरती हुई साख की थोड़ी तो चिंता कीजिए। इस निरंतर गिरते हुए रुपए का जनता पर क्या फ़र्क़ पड़ रहा है? यह कमरतोड़ महंगाई को और बढ़ाएगा, ज़रूरी चीज़ों के दाम बढ़ेंगे, जैसे- पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस।
उन्होंने कहा कि जनवरी से लेकर अभी तक RBI ने क़रीब $40 बिलियन खर्च करके रुपए को मज़बूत करने की कोशिश की है -तो आख़िर क्यों नहीं कर पा रहे हैं? क्योंकि निवेशकों को सरकार की नीतियों में रत्ती भर भी विश्वास नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक बात साफ़ है, रुपए पर बड़ी बड़ी बातें करने वाले साहेब और उनकी चाटुकारों की फ़ौज अब जब रुपया 80 पार कर गया है – तो बिलकुल चुप हैं। पर इस सुई पटक सन्नाटे से तो काम नहीं बनेगा। यह स्वीकारना पड़ेगा कि कमजोर रुपए का सबसे बड़ा कारण एक ध्वस्त अर्थव्यवस्था-बेलगाम महंगाई है। सरकार हर बार की तरह दिशाहीन ही नज़र आती है। डर तो यह लगता है, कहीं 80, 90 पूरे सौ करने की मंशा तो नहीं है साहेब की?
उन्होंने कहा कि रूपए के लिए मोदी जी आप हानिकारक हैं। जिस रूपए को संभालना था उस रूपए को पहले आपने रिटायर किया 60 पार कराकर, फिर 75 पार कराकर मार्गदर्शक मंडल में डाला और अब 80 पार कराकर लगता है आप रूपए को शतक की तरफ बढ़ने को मजबूर कर रहे हैं।
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कांग्रेस ने सिलसिलेवार कई ट्वीट किए
दूसरी ओर कांग्रेस ने रुपए के रिकॉर्डतोड़ गिरावट को लेकर एक बाद एक कई ट्वीट किए। कांंग्रेस ने एक ट्वीट में कहा मोदी हैं, तो मुमकिन है। तभी तो रुपए के बुरे दिन हैं। अगले ट्वीट में कहा कि जो पहले नामुमकिन था, वो मुमकिन हुआ है, रूपया अपने सबसे बुरे दौर में पहुंचा हुआ है। ये कैसा अमृतकाल है। जहां रुपया बदहाल है। रुपए पर जो पहले खूब बोलते थे, वो आजकल मौन है। लेकिन उनकी पुरानी बातों को भूला कौन है।