कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित हो चुके किसानों को कांग्रेस का भरपूर साथ मिल रहा है। दरअसल, इस आंदोलन को लेकर कांग्रेस केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार को चारों तरफ से घेरने की जुगत में जुटी है। एक तरफ जहां पार्टी के दिग्गज नेता मोदी सरकार पर निशाना बनाए हुए हैं, वहीं साथ ही पार्टी के नेता सरकार पर किसानों की मांग मानने का भी दबाव बना रहे है। इसी क्रम में कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने भी सूबे की शिवराज सरकार पर हमला बोला है।
कांग्रेस ने शिवराज सरकार के सामने रखी मांग
दरअसल, कांग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव ने राज्य सरकार से आगामी विधानसभा सत्र में इन कानूनों के खिलाफ संकल्प लाकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की मांग की है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा तीन कानून लाए गए हैं, वह किसान विरोधी हैं, इसीलिए देशव्यापी आंदोलन चल रहे हैं।
अजय यादव ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को किसान पुत्र कहते हैं, उन्हें इन काले कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिए। साथ ही आगामी विधानसभा सत्र में संकल्प पारित करके केंद्र सरकार से इन काले कानूनों को वापस लेने की अपील करनी चाहिए।
यादव का कहना है कि, मुख्यमंत्री को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किसानों के हित की बात करना चाहिए। राज्य के किसान भी इन कानूनों के खिलाफ हैं।
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आपको बता दें कि सिंधु और टिकारी सहित दिल्ली के अन्य बॉर्डर पर भारी संख्या में मौजूद किसानों का प्रदर्शन पिछले पांच दिनों से जारी है। हालांकि मंगलवार को सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए प्रस्ताव भी भेजा, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसानों का कहना है कि जब तक सभी संगठनों को बातचीत के लिए नहीं बुलाया जाता, तब तक वो नहीं जाएंगे।