एटीएस उत्तर प्रदेश को बड़ी सफलता हाथ लगी है। उसने सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी को भेजने वाले सेना के पूर्व जवान व एक अन्य अभियुक्त को गोधरा, गुजरात से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त सौरभ शर्मा हापुड़ जनपद का रहने वाला है। उसने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार किया है। बता दें कि पैसे के लालच में व्हाट्सएप पर कई गोपनीय जानकारी उसने भेजी थीं जिसके बदले उसको विभिन्न माध्यमों और बैंक खातों में पीआईओ की ओर से पैसा भिजवाया जाता था। अभियुक्त सैरभ शर्मा को पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी के कहने पर सौरभ शर्मा को पैसा भेजने वाले अभियुक्त अनस गितैली को पंचमहल गोधरा गुजराज से गिरफ्तार किया गया।
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गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी को भेजता था, एटीएस ने किया गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक अयोध्या स्थित श्री राम जन्म भूमि परिसर के नक्शे को भी ईमेल द्वारा पाकिस्तान भेजे जाने का संदेह है। अयोध्या और लखनऊ की मिलट्री इंटेलिजेंस यूनिट के इनपुट पर ATS ने इस कार्यवाई को अंजाम दिया है। गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी को भेजता था, एटीएस ने किया गिरफ्तार।
शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण काउंटर जासूसी ऑपरेशन में, यूपी एटीएस ने लखनऊ स्थित मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) यूनिट द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के आधार पर एक सेवानिवृत्त सेना के सिपाही, सिग्नलमैन सौरभ शर्मा (रीट) को गिरफ्तार किया है।
पूर्व सैनिक कथित तौर पर 2016 से कराची स्थित पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था। इससे पहले, नवंबर महीने के दौरान, लखनऊ एमआई के अधिकारियों को जासूसी गतिविधियों में शामिल सिग्नलमैन सौरभ शर्मा (सेवानिवृत्त) का संकेत मिला था। इनपुट को “ऑपरेशन क्रॉस-कनेक्शन” के रूप में विकसित किया गया था।
इसका विवरण दिसंबर की शुरुआत में यूपी एटीएस के साथ साझा किया गया था और एक संयुक्त जांच शुरू की गई थी। शुक्रवार (8 जनवरी) को एक महीने के लिए इनपुट पर काम करने के बाद, यूपी एटीएस ने संदिग्ध को सिग्नलमैन सौरभ शर्मा (सेवानिवृत्त) को उसके बिहुनी, जिला- हापुड़, यूपी के पैतृक घर से गिरफ्तार किया।
सिग्नलमैन सौरभ शर्मा (सेवानिवृत्त) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ अपनी भागीदारी स्वीकार की। उन्होंने खुलासा किया कि वह फेसबुक पर 2014 में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के संपर्क में आए थे, जिन्होंने शुरुआत में एक रक्षा विशेषज्ञ के रूप में ‘खुद’ पेश किया था।
इसके बाद उसने धन के बदले में 2016 तक कई संवेदनशील सैन्य सूचनाएं साझा करना शुरू कर दिया। वह इन सूचनाओं को टेक्स्ट, ऑडियो और फोटो संदेशों के रूप में साझा करता था और कॉल पर भी ज्यादातर व्हाट्सएप का उपयोग करता था। बताया गया है कि उन्हें अपने हैंडलर्स से कई भुगतान मिले हैं। सैनिक को चिकित्सा कारणों से जून, 2020 में सेना से छुट्टी दे दी गई थी।उसकी गतिविधियों के निशान उसके मोबाइल फोन में मिले हैं।
आरोपियों के खिलाफ लखनऊ में गोमती नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 120 बी, 123, 123, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की धारा 3, 4, 5 और 9 और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उसे अदालत के समक्ष पेश किया जा रहा है। यह अनुमान है कि यूपी एटीएस जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी का पुलिस कस्टडी (पीसी) मांगेगी। लखनऊ एमआई, यूपी एटीएस और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से मामले की आगे की जांच की जा रही है।