उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के लिए खास तैयारियां की हैं। इस मौके पर नौ दिनों तक देवी दुर्गा मंदिरों और शक्तिपीठों में भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्ययक्रम आयोजित किए करने के निर्देश दिए गए हैं।
10 मार्च को राज्य के संस्कृति विभाग ने सभी संभागीय आयुक्तों और जिला मजिस्ट्रेटों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर निर्देश दिए थे। अधिकारियों को 21 मार्च तक सभी तैयारियां पूरी करने को कहा गया है। इसके साथ ही जीपीएस स्थान, पते, चयनित मंदिरों की तस्वीरें और मंदिर प्रबंधन निकायों के संपर्क विवरण साझा करने का भी निर्देश दिया गया है। प्रशासन की विभिन्न शाखाओं के बीच समन्वय के लिए राज्य स्तर पर दो नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
चैत्र नवरात्रि के दौरान दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है। निर्देश में मंदिरों और शक्तिपीठों पर दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी गान और देवी जागरण का आयोजन करने को भी कहा गया है। सरकार इन कार्यक्रमों में महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाएगी। कार्यक्रमों से संबंधित और फोटोग्राफ संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे।
29 और 30 मार्च को अष्टमी और रामनवमी को प्रमुख शक्तिपीठों पर अखंड रामायण का पाठ आयोजित किया जाएगा। इन आयोजनों के लिए प्रत्येक विकासखण्ड, तहसील एवं जिला स्तर पर आयोजन समिति का गठन किया जाएगा। हर जिले में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक समिति उन कलाकारों का चयन करेगी जो धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति देंगे। निर्देश में कहा गया कि इन आयोजनों में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा और जनभागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, आयोजनों में प्रस्तुति देने के लिए चुने गए कलाकारों को मानदेय देने के लिए संस्कृति विभाग हर जिले को 1 लाख रुपये आवंटित करेगा। अन्य व्यवस्थाएं जिला प्रशासन अपने स्तर से करेगा। सरकार ने कहा कि शक्तिपीठों और मंदिरों को विकसित करने के लिए किए गए कार्यों को बढ़ावा देने के लिए मंदिर परिसर में होर्डिंग्स लगाए जाएं।
विभाग के प्रधान सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि इस तरह के आयोजन पहले भी मंदिरों में होते रहे हैं और उन्होंने नवरात्र से पहले जिलों को सिर्फ एक रिमाइंडर जारी किया था। मेश्राम ने कहा कि नौ दिनों के उत्सव के दौरान मंदिर परिसर में की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में जिला प्रशासन को मंदिर समितियों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया है।
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नौकरशाह ने कहा, “राज्य में खासकर युवाओं के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन किए जाएंगे।” सहायक निदेशक (संस्कृति) रंगभारती ने कहा कि चैत्र नवरात्रि पर इस तरह के आयोजन पहले भी संभाग-मुख्यालय स्तर पर और कोविड-19 महामारी से पहले भी होते रहे हैं। कार्यक्रमों की राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी रेणु रंगभारती ने कहा, “इस बार जिला स्तर पर कई मंदिरों में भव्य स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होने जा रहे हैं।”