देश के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा समय में सबसे बेहतरीन शतरंज खिलाड़ी प्रगनाननंदा शतरंज विश्व कप में सबसे युवा उपविजेता बनने के बाद अपने घर चेन्नई लौट आए हैं। 18 साल के प्रगनाननंदा ने इस साल शतरंज विश्व कप में दुनिया के कई बेहतरीन खिलाड़ियों को हराने के बाद उन्हें जमकर लोगों का प्यार मिल रहा हैं और वह बेहद लोकप्रिय हो चुके हैं। वह जब अपने घर लौटे तो चेन्नई में लोगों ने बड़ी संख्या में उनका स्वागत किया। चेन्नई में 18 साल के प्रगनानन्दा के घर लौटने पर उनके स्वागत में भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जहां फूल बरसाए गए और उन्हें बुके और शॉल भी दिए गए।
शतरंज विश्व कप में अपना ज़बरदस्त प्रदर्शन करने वाले प्रगनाननंदा के माता-पिता ने भी उनकी सफलता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। खासकर उनकी मां नागलक्ष्मी आज भी हर विदेशी दौरे में उनके साथ रहती हैं और प्रगनाननंदा का पूरा सपोर्ट करती हैं। मां नागलक्ष्मी अपने बेटे को नियमित रूप से खाना बनाकर खिलाती हैं, ताकि बेटा शारीरिक रूप से ठीक रहे और उसे कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। बता दे, आनंद महिंद्रा ने प्रगनाननंदा की माता-पिता के सम्मान में उन्हें इलेक्ट्रिल कार देने का निर्णय किया है।
मात्र 18 साल के प्रगनाननंदा ने शतंरज विश्व कप में अपने कोच के बिना शानदार प्रदर्शन किया। प्रगनाननंदा का मैच दिन पर दिन बेहतर होता गया। फाइनल में विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को मात देने के बाद वह शतरंज विश्व कप के सबसे युवा उपविजेता बने। इससे पहले उन्होंने अपने से काफी बेहतर रैंकिंग वाले दुनिया के नंबर 2 खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा और दुनिया के नंबर 3 खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को भी हराया। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे मुश्किल मैच हमवतन अर्जुन एरीगेसी के खिलाफ था।