जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के शिवगढ़ धार इलाके में मंगलवार सुबह आर्मी एविएशन का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। खराब मौसम के कारण हुए इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए दोनों पायलट की मौत हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाकर अस्पताल भेजे गए दोनों पायलट बोलने की हालत में नहीं थे।
हेलीकॉप्टर की घने कोहरे के कारण हुई क्रैश लैंडिंग
उधमपुर रियासी रेंज के डीआईजी सुलेमान चौधरी के मुताबिक सूचना मिलते ही पुलिस को रेस्क्यू के लिए मौके पर रवाना कर दिया गया था। पुलिस अधिकारी का मानना है कि घने कोहरे के कारण क्रैश लैडिंग हुई। हालांकि अभी स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। पुलिस के साथ स्थानीय ग्रामीणों ने बचाव अभियान शुरू किया और गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त हुए चीता हेलीकॉप्टर के गंभीर रूप से घायल हुए दोनों पायलट रेस्क्यू ऑपरेशन में निकालकर अस्पताल भेजे गए।
सेना के सूत्रों के अनुसार दोपहर एक बजे के करीब उधमपुर जिले में नाग देवता मंदिर के ऊपर पटनीटॉप इलाके के शिवगढ़ जंगल में सेना का हेलीकॉप्टर चीता दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एक पायलट की पहचान अनुज राजपूत के रूप में हुई है। इस बीच घटना स्थल पर पहुंची सेना की टीम हेलीकॉप्टर के मलबा इकट्ठा करने में जुट गई है।
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा है कि मृतकों में एक कैप्टन जबकि दूसरा मेजर था। उनके परिजनों को सूचना दी जा रही है। आर्मी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पटनीटॉप में ट्रेनिंग के दौरान भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर पटनीटॉप के पास उतरा है। कर्नल अभिनव नवनीत ने बताया कि हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ या उसकी आपात लैंडिंग हुई है, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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इससे पहले पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर कठुआ में 03 अगस्त को भारतीय सेना का ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उस हेलीकॉप्टर के मलबे का कुछ हिस्सा झील से 11 अगस्त को बरामद किया गया था। इसके बाद पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल अभित सिंह बाथ का शव 15 अगस्त की शाम को बरामद किया जा चुका है। दूसरे पायलट जयंत जोशी का अबतक कुछ पता नहीं चल सका है। अब उनका जिंदा मिलना मुश्किल है, इसलिए भारतीय नौसेना, सेना, एनडीआरएफ और नागरिक एजेंसियों ने उनका पार्थिव शरीर निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सोमवार को पश्चिमी सेना के कमांडर ने खोज एवं बचाव अभियान की समीक्षा करने के लिए दुर्घटनास्थल का दौरा भी किया था।