लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल (विधानसभा और विधान परिषद) के दोनों सदनों का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर 2025 से शुरू होगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार (12 दिसंबर) को इसकी औपचारिक मंजूरी दे दी है। इसके बाद विधानसभा और विधान परिषद सचिवालय द्वारा सत्र आहूत करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, यह सत्र 24 दिसंबर तक चलने की संभावना है, जिसमें कुल छह कैलेंडर दिन होंगे। हालांकि, 21 दिसंबर को रविवार होने के कारण अवकाश रहेगा, जिससे प्रभावी कार्य दिवस चार या पांच ही रह पाएंगे।
सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार इस छोटे लेकिन महत्वपूर्ण सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी में है। यह बजट प्रदेश के विकास और आगामी योजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण होगा।
विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में
शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में तीखे हंगामे की प्रबल संभावना है। विपक्षी दल, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहे हैं।विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर विपक्ष सरकार से जवाबदेही मांगेगा।
अन्य मुद्दे: महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मुद्दे, प्रदेश की कानून-व्यवस्था और अन्य जनसरोकार के विषयों पर भी तीखी बहस होने की उम्मीद है। विपक्ष का मानना है कि छोटे सत्रों से जनता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा का पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाता है।यह सत्र विधायी कार्यों और प्रदेश के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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