लखनऊ। अतीक अहमद प्रकरण में सीबीआई ने बड़ा दांव खेला है। अब पूरी तरह से अतीक अहमद को घरेने की तैयारी है। बता दें कि सीबीआई टीम ने प्रकरण की जांच के लिये एक बार फिर देवरिया में डेरा डाल दिया है। टीम के सदस्यों ने शुक्रवार को तत्कालीन जेल अधीक्षक समेत पांच जेलकर्मियों के विरुद्ध कोतवाली में दर्ज मुकदमे के विवेचक से पूछताछ की। बता दें कि जांच टीम के दो सदस्य शहर के सिंचाई विभाग के डाक बंगले में रुके हुए हैं।
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अतीक अहमद के खिलाफ सीबीआई ने खेला बड़ा दांव, घेरने के लिये चली चाल
बता दें कि 25 दिसंबर 2018 को अतीक अहमद के इशारे पर लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर जेल में लाकर पिटाई करने के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई टीम के निशाने पर अतीक के करीबियों के अलावा जेल के अधिकारी भी हैं।
इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया था मुकदमा
इस मामले में जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने कोतवाली में पूर्व जेल अधीक्षक दिलीप पाण्डेय, जेलर मुकेश कटियार, डिप्टी जेलर देवनाथ यादव, वार्डर मुन्ना पाण्डेय और राकेश पाण्डेय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले की विवेचना सदर कोतवाली के दरोगा बृजेश दूबे कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने सभी जेल अधिकारियों और बंदी रक्षक के वर्तमान तैनाती स्थल की जानकारी ली।
अतीक प्रकरण में निलंबित किए गए पांचों जेल अधिकारी और बंदी रक्षक बहाल हो चुके हैं। उनमें से तत्कालीन जेल अधीक्षक दिलीप पाण्डेय लखनऊ मुख्यालय में तैनात हैं, वहीं जेलर मुकेश कटियार लखनऊ मॉर्डन जेल से पिछले 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गए। डिप्टी जेलर देवनाथ यादव बस्ती में, वार्डर मुन्ना पाण्डेय और राकेश पाण्डेय जिला कारागार देवरिया में ही तैनात हैं। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई टीम 21 जनवरी तक जिले में रहेगी।