प्रदेश भर में सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग यूनिक आईडी के खिलाफ सोमवार को सर्राफा व्यापारी हड़ताल पर रहे। वहीं राजधानी जयपुर में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से लगभग 50 हजार व्यापारी, 2 लाख कर्मचारी और 5 लाख कारीगरों ने काम नहीं किया। जिसकी वजह से जयपुर का सर्राफा व्यापार पूरी तरह से ठप रहा। सर्राफा व्यापारियों ने जौहरी बाजार पर धरना देकर केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की।
गौरतलब है कि जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी, राजस्थान सर्राफा संघ, ज्वैलर्स एसोसिएशन जयपुर और सीतापुरा जेम्स एंड ज्वेलरी एसोसिएशन के ज्वाइंट फोरम ने हड़ताल का आह्वान किया था, जिसके बाद 23 अगस्त यानी सोमवार को ज्वेलर्स की ओर से देशव्यापी हड़ताल की घोषणा भी की गई है।
जयपुर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि ज्वेलर्स ने केंद्र सरकार के हॉलमार्किंग के फैसले को स्वीकार कर लिया था। लेकिन हॉल मार्किंग के बाद लागू की गई यूनिक आईडी प्रक्रिया काफी जटिल है। जिसकी वजह से व्यापार पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। मित्तल ने बताया कि मंदी की मार झेल रहे व्यापार पर यूनिक आईडी प्रक्रिया का सीधा असर होगा जिससे पूरा व्यापार ठप होने की संभावना बढ़ जाएगी। ऐसे में अगर सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं लेगी तो देश भर के व्यापारी मजबूरन आंदोलन की राह पर आगे बढ़ेंगे। हॉलमार्किंग यूनिक आईडी के खिलाफ उतरे विरोध की वजह से करीब 500 करोड़ का ज्वेलरी कारोबार प्रभावित हुआ है।
जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी संरक्षक डॉ. नवल अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में 46 और जयपुर में 10 हॉलमार्क सेंटर हैं। इसके अलावा हॉल मार्किंग से जुड़े नए नियमों में मामूली गलती पर आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज कर मुकदमे का प्रावधान है। साथ ही गहने गढ़ाई का काम गांवों में भी होता है। ग्रामीण इलाकों में ज्वेलर्स कम्प्यूटर तकनीक से रुबरु नहीं हुए हैं, ऐसे में इस तरह के नियम जारी करना गलत है।