उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू होने की संभावना है। राज्य सरकार अपना वार्षिक बजट 2023-2024 विधानसभा में पेश करेगी। लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद राज्य सरकार ने वार्षिक बजट 2023-2024 की तैयारी शुरू कर दी है। वार्षिक बजट को अंतिम रूप देने के लिए वित्त विभाग विभिन्न विभागों के साथ बैठकों में जुटा हुआ है।
बजट का आकार बढ़ा सकती है सरकार
उ.प्र. सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वार्षिक बजट का आकार और बढ़ सकता है और 2023-2024 में 7 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है। इसने 2022-23 के लिए 6.15 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया था। दिसंबर 2022 में 33,769.55 करोड़ रुपये (2022-2023) के लिए एक पूरक बजट पेश किया गया, जिससे बजट का कुल आकार 6.50 लाख करोड़ हो गया था।
कम बजट के खर्च को लेकर चिंतित है सरकार
शासन में बैठे एक अधिकारी की माने तो राज्य के बजट (2022-2023) में निर्धारित धन के कम उपयोग को लेकर चिंतित है और उसने अपने कई विभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इन आवंटनों का उपयोग 20 मार्च, 2023 तक कर लिया जाए।
दरअसल, 31 दिसंबर, 2022 तक, कई विभाग बजटीय प्रावधानों का केवल आधा उपयोग कर पाए हैं। हमने उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 2022-2023 के लिए राज्य के बजट में आवंटित धन का उपयोग 20 मार्च, 2023 तक किया जाए।
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पिछले फंड के उपयोग पर लगातार सरकार की नजर
हालांकि यूपी सरकार ने फंड के उपयोग पर लगातार नजर रखी है, लेकिन कम खर्च कई विभागों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। आवंटित धन, यदि किसी दिए गए वित्तीय वर्ष (जब बजट पारित किया जाता है) के भीतर उपयोग नहीं किया जाता है, तो उसे अगले वित्तीय वर्ष में नहीं ले जाया जाता है। समीक्षा प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “लगभग हर महीने राज्य सरकार के विभिन्न स्तरों पर स्थिति की निगरानी की जाती है और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाते हैं कि वर्ष के अंत से पहले अधिकतम धन का उपयोग किया जाए।”