पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में राजनीतिक दल सूबे में वोटों की बाड़बंदी करने में जुटे हैं। ऐसी ही बाड़बंदी बीजेपी और सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच भी देखने को मिल रही है। दोनों ही दल खुद को मजबूत करने की कवायद में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में बीजेपी की ताकत एक बार फिर बढती नजर आ रही है। दरअसल, तृणमूल के पूर्व नेता शुभेंदु अधिकारी के बाद अब उनके भाई सौमेंदु अधिकारी ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है।
तृणमूल को लगा तगड़ा झटका
दरअसल, सौमेंदु अधिकारी ने यह फैसला तब लिया है जब उनके भाई शुभेंदु अधिकारी द्वारा बीजेपी की सदस्यता ले लेने के बाद उन्हें बीते दिनों उन्हें पूर्वी मिदनापुर में कोंताई नगर पालिका के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। इसी के बाद अब शुभेंदु अधिकारी ने अपने भाई को भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करवाई है।
आपको बता दें कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान मिदनापुर रैली में शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी का झंडा उठाया था। इसके बाद से शुभेंदु तृणमूल और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं।
अभी बीते दिनों शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि मुझे वास्तव में शर्म आती है कि मैं 21 साल तक उस राजनीतिक पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) का हिस्सा था। यह बिल्कुल भी अनुशासन का पालन नहीं करती है। यह एक कंपनी की तरह हो गई है। हम उस कंपनी से बाहर आ गए और एक उचित राजनीतिक पार्टी में सदस्यता प्राप्त कर ली।
यह भी पढ़ें: मंदिर में तोड़फोड़ के बाद अब पुलिस अधिकारी के घर में मिली दो हिंदुओं की लाश…
उन्होंने कहा कि दो दशकों से बंगाल फॉर द पार्टी, बाय द पार्टी और ऑफ द पार्टी की संस्कृति का पालन कर रहा है। शुभेंदु ने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार ने 34 साल तक ऐसा किया और उसके बाद ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने इन्हीं कदम चिन्हों पर चलते हुए ऐसा ही किया।