चुनाव आयोग के शिकंजे में फंसे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, खड़ी हुई भारी मुसीबत

पश्चिम बंगाल में गत 10 अप्रैल को चौथे चरण के मतदान वाले दिन कूचबिहार जिले के सीतलकुची में केंद्रीय बलों द्वारा की गई फायरिंग को लेकर बयानबाजी के कारण प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को भी चुनाव आयोग ने नोटिस दिया है।

चुनाव आयोग ने कसा शिकंजा

रविवार को एक जनसभा के दौरान दिलीप घोष ने कहा था कि केंद्रीय बलों ने जिन लोगों को गोली मारी है वे दुष्ट लड़के थे और जवानों की बंदूकें छीनने की कोशिश की थी। सेंट्रल फोर्स के जवान यहां बंदूक लेकर घूमने नहीं आए हैं। कोई अगर उन्हें धमकाए या डराएगा तो ऐसा होगा।

इसके बाद के चरणों में भी अगर किसी ने केंद्रीय बलों पर हमले अथवा उनकी बंदूकें छीनने की कोशिश की तो सीतलकुची की तरह घटना जगह-जगह होगी। उनके इस बयान के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराकर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

इसी के मुताबिक मंगलवार को आयोग ने दिलीप घोष को नोटिस दिया है और बुधवार सुबह 10:00 बजे तक इस मामले में जवाब देने को कहा है। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहता है तो उनके खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाईमूलक कदम उठा सकता है।

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उल्लेखनीय है उकसावे वाली बयानबाजी की वजह से ममता बनर्जी के प्रचार पर 24 घंटे की रोक लगा दी गई है। इसके अलावा प्रदेश भाजपा के नेता राहुल सिन्हा को इसी तरह की बयानबाजी की वजह से बिना नोटिस 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया गया है।‌