लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में मिशन 2024 की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब अपने सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कराने लगी है और रिपोर्ट कार्ड में जो सांसद पास होंगे, उन्हीं को 2024 के चुनावी मैदान में पार्टी उतारेगी. वैसे तो बीजेपी हमेशा से अपने सांसदों और जनप्रतिनिधियों का रिपोर्ट कार्ड तैयारी कराती रही है और बीजेपी का संगठन रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही पार्टी के कार्यकर्ताओं का भविष्य भी तय करती रही है.
2014 के बाद से यानी पार्टी में मोदी युग की शुरुआत होने के बाद रिपोर्ट कार्ड पर भाजपा ज्यादा जोर देने लगी है और रिपोर्ट कार्ड तैयार कराने के लिए पार्टी कई तरह से काम करती है. भाजपा संगठन के जरिए कार्यकर्ताओं के फीडबैक पर रिपोर्ट कार्ड तैयार करती है तो अब बाहरी एजेंसियों के जरिए भी पार्टी रिपोर्ट कार्ड तैयार कराने लगी है. रिपोर्ट कार्ड बनाने में पार्टी कई मापदंडों का सहारा लेती है, ताकि सांसदों का सही से मूल्यांकन हो सके.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई बार क्षेत्र प्रांत के हिसाब से अलग-अलग मापदंड भी टाइप किए जाते हैं, लेकिन मिशन 2024 के लिए तैयार हो रहे सांसदों के रिपोर्ट कार्ड में प्रमुख रूप से 7 मापदंडों को पार्टी ने अपनाया है. आइये जानते हैं कि रिपोर्ट कार्ड के क्या-क्या मापदंड हैं…
सांसद जनता के बीच कितना रहे?
जनता के साथ व्यवहार कैसा रहा?
जनता में कितनी स्वीकार्यता?
अपने क्षेत्र में कितने लोकप्रिय?
सांसद निधि का इस्तेमाल कैसे किया?
सरकार की योजनाएं पहुंचीं या नहीं?
कामकाज जनता तक पहुंचा या नहीं?
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पार्टी के इस मापदंड पर जो सांसद खरा उतरेगा, पार्टी आगे उसी को मौका देगी यानी जिसको नंबर अच्छे मिलेंगे वह तो पास माना जाएगा, नहीं तो बाकियों को फेल मानकर उनकी जगह पर दूसरे चेहरे को मैदान में उतार दिया जाएगा. गौरतलब है कि बीजेपी ने सितंबर 2021 में भी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था.