छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बल के जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक 22 जवानों के शहीद होने की खबर आ रही है। हालांकि इस हमले में शहीद जवानों की संख्या बढ़ने के संभावना अभी बरकरार है। बता दें कि यह मुठभेड़ बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के सिंगरेल और पुर्णिया के बीच के इलाके में हुई थी।
छत्तीसगढ़ पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मुठभेड़ में 22 जवानों के शहीद होने के अलावा 31 जवान घायल हुए जिसमें से 24 को बीजापुर अस्पताल और 7 को रायपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि इस घटना को लेकर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत तमाम नेताओं से दुख व्यक्त किया है। बता दें कि इस साल का यह सबसे बड़ा नक्सली हमला है। दरअसल इस हमले को नक्सली कमांडर हिडमा ने नेतृत्व में अंजाम दिया गया है।
सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ सुकमा में यह ऑपरेशन चलाया था। नक्सलियों के विरुद्ध अभियान सुकमा में नक्सलियों के सबसे बड़े नेताओं में से एक हिडमा के गढ़ में था।
नक्सलियों का बड़ा दुर्दांत नेता हिडमा इस हमले से ही 1 किलोमीटर की दूरी पर पोवर्ती गांव में रहता है। यहीं पर सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था।
सुरक्षाबलों पर यह हमला नक्सलियों के संगठन पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट ने किया है। इसका नेतृत्व हिडमा ही करता है।
सुरक्षाबलों को भी इस ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है और नक्सल काडर के कई लोग इसमें हताहत हुए हैं, लेकिन जैसे ही अंदर सुरक्षा बल जा रहे थे नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया।
नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षा बलों पर हमला किया। पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और तीसरा लात और घूंसे से। करीब 200 से 300 नक्सलियों का समूह सुरक्षा बलों की एक छोटी सी टुकड़ी पर टूट पड़ा।
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नक्सलियों के इस अंतिम गढ़ में सुरक्षा बलों का ऑपरेशन अब भी जारी है और कुछ ही देर में डीजी सीआरपीएफ वहां पहुंचेंगे इसके अलावा प्रदेश और केंद्रीय यूनिट से सुरक्षा बल भी पहुंचेंगे और इस अभियान में तेजी लाएंगे।