नयी दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है। आप संयोजक को कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में शीर्ष न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल को 90 दिनों की जेल हुई है और उसे पता है कि वह एक निर्वाचित नेता हैं। मालूम हो कि यह सुनवाई ईडी द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर की गई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दे दी, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को एक बड़ी पीठ को भेज दिया।
जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल की याचिका को एक बड़ी बेंच को भेज दिया ताकि इस सवाल की जांच की जा सके कि गिरफ्तारी की जरूरत या अनिवार्यता को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की धारा 19 में एक शर्त के रूप में पढ़ा जाना चाहिए या नहीं।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि गिरफ्तारी पीएमएलए की धारा 19 के तहत “विश्वास करने के कारणों” के मापदंडों को पूरा करती है। उन्होंने कहा, “अधिकारी बिना किसी सामग्री को साझा किए केवल संदेह के आधार पर लोगों से भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए नहीं कह सकते।
कोर्ट के फैसले के बावजूद केजरीवाल हिरासत में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें 25 जून को शराब नीति से जुड़े इसी मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने 17 मई, 2024 को मामले में फैसला सुरक्षित रखने के बाद फैसला सुनाया।
केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था, जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें दिन में पहले अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद वे तब तक हिरासत में रहे, जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें 10 मई को अंतरिम रिहाई (लोकसभा चुनावों के उद्देश्य से) का लाभ नहीं दिया। इसकी अवधि 2 जून को समाप्त हो गई।