प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 दिसम्बर को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करीब एक सप्ताह तक वाराणसी में ही प्रवास करेंगे और वहीं से प्रदेश सरकार का संचालन करेंगे। इसी दौरान 14 दिसम्बर को काशी में ही भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन भी होगा और प्रधानमंत्री मोदी उसकी अध्यक्षता करेंगे।
शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को चुनावी राजनीति का मुख्य केंद्र बनाने का निर्णय लिया है।
सरकार और संगठन के निर्णय के तहत इस रणनीति की शुरुआत 13 दिसम्बर को होगी, जब प्रधानमंत्री मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। सरकार और संगठन ने इस कार्यक्रम को खास बनाने के लिए काशी में तैयारियां तेज कर दी है।
14 दिसम्बर को मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन
वाराणसी में 13 दिसम्बर को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने के के बाद वहां करीब एक महीने तक चलने वाले विविध कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। दूसरे दिन यानि 14 दिसम्बर को वहां भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन प्रस्तावित है, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। इसके बाद वहां देश भर के महापौरों के सम्मेलन की भी चर्चा है।
16 को योगी कैबिनेट की बैठक के आसार
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 दिसम्बर को वाराणसी में ही अपने कैबिनेट की अगली बैठक भी करने जा रहे हैं। इस बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा के साथ मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। वैसे यह पहला अवसर नहीं है जब मुख्यमंत्री योगी अपनी कैबिनेट की बैठक राजधानी से बाहर कर रहे हैं। इससे पहले प्रयागराज कुम्भ 2019 के दौरान उन्होंने पवित्र संगम तट पर कैबिनेट की बैठक कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे।
शासन से जुड़े सूत्र यह भी बताते हैं कि इस दौरान मुख्यमंत्री योगी करीब एक सप्ताह वाराणसी में ही प्रवास कर वहीं से शासन का संचालन करेंगे। इसके लिए काशी के सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय बनाया जाएगा।
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सियासी समीक्षक विधानसभा चुनाव से पहले श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण और वाराणसी में तमाम आयोजनों के पीछे प्रदेश की सत्तारुढ़ भाजपा का बड़ा दांव मानकर चल रहे हैं। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री और विभिन्न राज्यों की मौजूदगी में वाराणसी में विविध आयोजन कर भाजपा पूर्वांचल समेत समूचे उप्र को चुनाव के समय एक बड़ा संदेश देना चाहती है।