राजनीति जगत में अर्श से फर्श पर पहुंच चुकी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के रूप में शुमार कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है और यह झटका ऐसे वक्त पर लगा है, जब कांग्रेस अगले वर्ष होने वाले मणिपुर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। दरअसल, मणिपुर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविनदास कोंथौजम ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा मणिपुर कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के आठ वरिष्ठ विधायकों ने भी एकसाथ अपने पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।
कांग्रेस के कई दिग्गजों ने छोड़ दी पार्टी
मिली जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2020 से मणिपुर कांग्रेस की जिम्मेदारी निभाने वाले गोंविदास कोंथोजम लगातार 6 बार से मणिपुर की विष्णुपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल कर रहे हैं। उनकी गिनती राज्य के दिग्गज नेताओं में होती है। वे पार्टी के विधानसभा में चीफ व्हिप भी हैं, वहीं मणिपुर सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उनका इस्तीफा भी कांग्रेस के लिए खतरे की आहट है।
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के आठ विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की संभावना है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष गोविनदास कोंथौजम समेत कुल आठ विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि सभी विधायक बीजेपी में शामिल होंगे। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले वरिष्ठ नेताओं का पार्टी छोड़ना एमपीसीसी के लिए बेहद गंभीर विषय है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
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मणिपुर विधानसभा में 60 सीटें हैं। साल 2017 में हुए चुनावों में तब कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं, वहीं बीजेपी को 21 सीटें मिली थीं। बीजेपी को कुल 32 विधायकों का समर्थन मिल गया था। तब कांग्रेस के एक विधायक का भी कांग्रेस ने समर्थन हासिल कर लिया था। बीजेपी ने निर्दलीय और छोटे दलों के सहयोग से कांग्रेस के कम सीटें होने के बावजूद सरकार बना ली थी।