लखनऊ। यूपी के लखनऊ के पास में शुक्रवार की देर रात शाम बड़ा हादसा हो गया। पीलीभीत से नौ लोगों को लेकर आ रही वैगन-आर कार नगराम के भौराखुर्द गांव के पास अनियंत्रित होकर इंदिरा नहर में जा गिरी। पूरी कार नहर में समा गई, जिसमें सवार दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई। स्थानीय गोताखोरों ने काफी मशक्कत कर ड्राइवर व चार साल के बच्चे व उसके पिता को जीवित निकाल लिया। वहीं चार साल की अनन्या व उसके सगे भाई पांच साल का रुद्र का कुछ पता नहीं चला।
मरने वालों में इन बच्चों की मां संगीता भी है। वहीं क्रेन के तीन घंटे तक न पहुंचने और बचाव कार्य में देरी होने से नाराज ग्रामीणों ने करीब एक घंटे तक हंगामा किया। करीब सात बजे तक राहत कार्य चला, फिर अंधेरा होने की वजह से बचाव कार्य बंद करना पड़ा। कार में सवार सभी लोग नगराम में रिटायर आईएएस के फार्म हाउस पर चौकीदार से मिलने आ रहे थे। पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।
पीलीभीत के बिलसंडा गांव में रहने वाले गंगा प्रसाद रिटायर आईएएस के अचलीखेड़ा स्थित फार्म हाउस पर चौकीदारी करते हैं। उनकी बेटी संगीता (32) अपने बच्चों अनन्या, चाहत व रुद्र और सास रूपादेवी (50) व रिश्तेदार के बेटे रुपेश (14), गोधन और इनके बेटे चार साल के कपिल के साथ पीलीभीत से शुक्रवार तड़के कार से निकली थी। कार कुलदीप चला रहा था। संगीता के साथ ये सभी लोग गंगा प्रसाद से मिलने आ रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नगराम के भौला खुर्द गांव के पास अपरान्ह तीन बजे तेज रफ्तार से आ रही यह कार अनियंत्रित हो गई और इंदिरा नहर में गिर गई। नहर के किनारे मौजूद लोगों में चीख पुकार मच गई। मल्लाह और स्थानीय गोताखोर लोगों को बचाने के लिये नहर में उतर गये। कुछ दूरी तक कार तैरती हुई दिखी, फिर वह पानी में समा गई। इसी बीच गोताखोरों ने ड्राइवर कुलदीप, गोधन व उसके बच्चे कपिल को जीवित बाहर निकाल लिया।
बचाव कार्य में देरी पर हंगामा
इस हादसे की खबर मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गये। इनमें कुछ लोग टार्च लिये हुये थे तो किसी ने अलाव जला लिया था। नगराम पुलिस, एसीपी मोहनलालगंज दिलीप कुमार पूरी टीम के साथ वहां पहुंचे थे। पुलिस ने भी सर्च लाइट जला ली थी। इस बीच क्रेन को बुलाया गया ताकि कार को बाहर निकाला जा सका। स्थानीय गोताखोरों ने कई बार डुबकी लगायी लेकिन अन्य लोगों का पता नहीं कर पा रहे थे। क्रेन काफी देर तक नहीं पहुंची जिसकी वजह से ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस अफसरों ने किसी तरह उन्हें शांत कराया।
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तीन घंटे बाद पहुंची क्रेन ने निकाली कार
करीब तीन घंटे बाद वहां क्रेन पहुंची। इसकी मदद से ही नहर के अंदर से कार निकाली जा सकी। कार के अंदर चार लोगों के शव निकले। इनकी शिनाख्त संगीता, रूपा देवी, संगीता के बेटे चाहत व रिश्तेदार पवन के रूप में हुई। यह देख वहां मौजूद लोग भी सकते में आ गये। उनकी आंखे नम हो गई। इसी दौरान शोर मचा कि दो बच्चे अनन्या व रुद्र लापता है। उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।
गोताखार फिर नहर में उतरे
पुलिस के कहने पर गोताखोर फिर नहर में उतर गये और करीब एक घंटे तक अनन्या व रुद्र की तलाश करते रहे। पर काफी दूर तक गोताखोर उनका पता नहीं लगा सके। जिस जगह पर कार गिरी, वहां बहाव थोड़ा तेज था। इस वजह से माना गया कि बच्चे आगे तक बह गये हैं। कुछ ग्रामीण काफी दूर तक किनारे-किनारे पैदल ही गये लेकिन उन्हें मायूस ही होना पड़ा।