बार एसोसिएशन चुनाव : अधिवक्ता की हत्या से बुझ गया परिवार का चिराग, हत्यारोपी ने कैंट थाने में किया आत्मसर्मपण

बार एसोसिएशन चुनाव रद्द होने के बाद दो गुटों में हुई बहस में चली गोली से एक अधिवक्ता की देर रात मौत हो गई। परिजनों की ओर से दी गई तहरीर में एक नामजद अधिवक्ता ने शनिवार को कैंट थाना में आत्मसर्मपण कर दिया। हालांकि पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज में 12 लोगों को संदिग्ध माना जा रहा है, जिसमें आत्मसमर्पण करने वाला अधिवक्ता भी है। लेकिन पुलिस अभी स्पष्ट रुप से किसी को हत्यारोपित नहीं मान रही है और जांच करने के बाद ही हत्यारोपितों की जानकारी देने की बात कह रही है। वहीं अधिवक्ता की हत्या से परिवार का चिराग बुझ गया और बहनों के साथ मां रो-रोकर बेहाल रही।

कचहरी परिसर में शुक्रवार को बार एसोसिएशन का मतदान हो रहा था और सुबह से अधिवक्ताओं में झड़प शुरु हो गई थी जिसके चलते एल्डर्स कमेटी ने चुनाव को ही रद्द कर दिया था। चुनाव रद्द होने के बाद देर शाम शताब्दी गेट के बाहर संयुक्त प्रकाशन मंत्री के दो उम्मीदवारों के समर्थकों में भिडंत हो गई। गाली गलौज के साथ शुरु हुआ बवाल गोली चलने तक की नौबत पर पहुंच गया और दो अधिवक्ताओं के गोली लग गई। अधिवक्ता मेजर पाण्डेय के हाथ में गोली लगी जिसको उर्सला के डाक्टरों ने प्राथमिकी इलाज के बाद छुट्टी कर दी। वहीं अधिवक्ता अनवरगंज फूलवाली गली निवासी गौतम दत्त के पेट में गोली लगी और हालत नाजुक होने पर हैलट अस्पताल रेफर कर दिया गया। देर रात हैलट अस्पताल में इलाज के दौरान गौतम दत्त की मौत हो गई। जानकारी के बाद वकीलों ने हंगामा किया था तो पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया था। शनिवार को मृतक अधिवक्ता के शव का पोस्टमार्टम किया गया और उस दौरान वकीलों के साथ भारी फोर्स तैनात रहा। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।

तरु अग्रवाल को किया गया नामजद

मृतक अधिवकता की चाची संगीता द्विवेदी ने अधिवक्ता तरु अग्रवाल को नामजद करते हुए गौतम की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। चाची ने आरोप लगाया कि तरु अग्रवाल ने चुनावी रंजिश और प्रतिस्पर्धा में गोली मारकर गौतम की हत्या की है। तरु अग्रवाल को जैसे ही जानकारी हुई कि नामजद एफआईआर हो गई तो उसने शनिवार को सुबह कैंट थाना में आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि पुलिस अभी तरु अग्रवाल को हत्यारोपी नहीं मानकर चल रही है। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि घटना के पास लगे सीसीटीवी कैमरों से फुटेज निकाले गये हैं और पुलिस 12 लोगों को संदिग्ध मानकर चल रही है। सभी लोगों को पूंछताछ के लिए बुलाया गया है और आत्मसमर्पण करने वाले अधिवक्ता से भी पूंछताछ की जा रही है। जांच के बाद ही सही जानकारी दी जाएगी। बताया कि मृतक की चाची ने तरु अग्रवाल को नामजद तो किया है, लेकिन चुनाव में दोनों एक ही उम्मीदवार के समर्थक थे और दोनों की साथ-साथ फोटो भी पोस्टरों व होडिंग्स में छपी है। घटना की तह तक जांच करने के बाद ही आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।

बार एसोसिएशन ने दिया 50 हजार रुपये की चेक

बार एसोसिएशन के महामंत्री राकेश तिवारी ने बताया कि चुनाव के दौरान चली गोली बहुत ही निंदनीय है। मृतक अधिवक्ता के परिजनों के साथ बार एसोसिएशन पूरी तरह से साथ है और न्याय दिलाया जाएगा। इसके साथ ही परिजनों को एसोसिएशन की ओर से 50 हजार रुपये की चेक देकर आर्थिक सहायता दी गई है।

315 बोर का मिला खाली कारतूस

गोलीबारी की घटना के बाद फोरेंसिक टीम ने मौका मुआयना किया। फोरेंसिक टीम को मौके से 315 बोर का खाली खोखा बरामद हुआ है। इससे ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि गौतम दत्त को लगी गोली इसी बोर की है। वहीं डाक्टरों के मुताबिक अधिवक्ता के पेट में गोली लगी थी और गोली लीवर को चीरती हुए किडनी में धंस गई। इसी वजह से गौतम दत्त की मृत्यु हो गई।

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बुझ गया परिवार का चिराग

अधिवकता गौतम दत्त की मृत्यु के बाद परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां बीना दयाल व बहन हिमानी को रो-रोकर बेहाल रहीं। मां बीना ने बड़ी बेटी से जब फोन पर बात की तो दहाड़ें मारकर रोने लगीं। बोली, सब कुछ खत्म हो गया। कितनी उम्मीदें थी कि बेटे को दुल्हा बनते दखूंगी, मगर सारे अरमान धुल गए। बताया जा रहा है कि परिवार गौतम की शादी की कोशिशें कर रहा था। बात तय हो गई थी और फरवरी तक शादी होनी थी।