केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। अपने आंदोलन को और मजबूत करने के लिए किसानों ने कल 27 सितंबर को भारत बंद करने का ऐलान किया है। यह बंद संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में होगा। कल किसान द्वारा भारत बंद की शुरूआत सुबह 6 बजे से होगी जो शाम 4 बजे तक चलेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए इस भारत बंद का विपक्षी दल भी समर्थन कर रहे हैं। इस बंद को कांग्रेस, माकपा, राकांपा, तृणमूल, राजद जैसे विपक्षी दलों को समर्थन मिला है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेने का निर्णय लिया है।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने सोमवार को बंद को अपना समर्थन दिया है। इसने सरकार से किसानों से उनकी मांगों पर बातचीत करने और गतिरोध के केंद्र में तीन कानूनों को रद्द करने का अनुरोध किया है। परिसंघ ने कहा कि उसके सहयोगी और राज्य इकाइयां सोमवार को पूरे देश में किसानों के साथ एकजुटता से शामिल होंगी। संघ ने इस महीने की शुरुआत में जारी एनएसएस भूमि और परिवारों के पशुधन और कृषि परिवारों की स्थिति आकलन, 2018-19 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की केंद्र की योजना पर सवाल उठाया था।
यूनियन ने कहा कि प्रति कृषि परिवार का औसत बकाया ऋण 2018 में बढ़कर 74,121 रुपये हो गया है, जो 2013 में 47,000 रुपये था। कृषि परिवारों की बढ़ती कर्ज गहरी कृषि संकट को दर्शाती है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए इस भारत बंद के दौरान अस्पताल, दवा की दुकान, एंबुलेंस समेत अन्य मेडिकल से जुड़ी सारी सेवाएं खुली रहेंगी। इसके अलावा अगर किसी छात्र को परीक्षा या इंटरव्यू के लिए जाना होगा तो उसे भी नहीं रोका जाएगा।