बाबा रामदेव ने कोरोना के इलाज में एलोपैथी को लेकर दिए गए विवादस्पद बयान के चलते विभिन्न राज्यों में दर्ज हुई एफआईआर पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बाबा रामदेव ने देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज एफआईआर को एक साथ क्लब करने की मांग की है।
इसके साथ ही बाबा रामदेव ने आईएमए की पटना और रायपुर ब्रांच की ओर से दर्ज एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। रायपुर में बाबा रामदेव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 और 504 के तहत केस दर्ज किया गया है।
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आईएमए ने अपनी शिकायत में कहा है कि रामदेव ने गलत जानकारी फैलाई है। आईएमए का आरोप है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बाबा रामदेव ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के प्रति आम लोगों के मन में भ्रम पैदा किया है और अविश्वास बढ़ाया है। इससे डॉक्टरों की भावनाएं आहत हुईं।