उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार बनने के बाद से ही माफियाओं के खिलाफ एक्शन जारी है। शासन से जुड़े अधिकारियों की माने तो पिछले पांच साल में योगी की सरकार के दौरान 14,000 गैंगस्टरों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि 795 के खिलाफ एनएसए और गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सरकार की इस कार्रवाई से अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की मंशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। अधिकारियों का दावा है कि जिस तरह से सरकार ने अपराधियों के आर्थिक सम्राज्य पर चोट किया है उसी तरह अब अपराधियों के खिलाफ प्रभावी साक्ष्यों को भी एकत्र कर अदालत में प्रस्तुत कराने की शुरुआत की जा रही है जिससे उन्हें सजा दिलाई जा सकेगी।

मुख्तार अंसारी को बैक टु बैक दो मामलों में मिली सजा मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार कहते हैं, ” देखिए इसको दो तरह से देखा जा सकता है। एक तो यह सरकार की अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की ही हिस्सा है। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार ने प्रभावी तरीके से माफियाओं के खिलाफ साक्ष्य एकत्र करके उसे अदालत में पेश करने की कोशिश कर रही है जिससे सजा मिलने की शुरूआत हुई है। इसे यूपी में गैंगस्टर युग के अंत की शुरूआत भी कह सकते हैं।”
हालांकि शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी दावा किया कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच द्वारा पिछले दो दिनों में दो बार बैक टू बैक मामलों में सजा देना यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि यह फैसला यूपी में गैंगस्टरों के युग के अंत की शुरुआत है। अंसारी वर्तमान में प्रयागराज एमपी-एमएलए अदालत के साथ-साथ आजमगढ़ और गाजीपुर अदालतों में 10 अलग-अलग मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
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