- धर्मांतरण गिरोह का खुलासा: विदेश फंडिंग से चल रहा था बड़ा रैकेट,गिरोह के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा बेटा भी गिरफ्तार, दोनों आरोपी लखनऊ जेल में बंद
- जिन लोगों के खिलाफ सबूत हैं, उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है,इस मामले में मोहम्मद अहमद का नाम है और ATS आगे की जांच कर रही है :अमिताभ यश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एटीएस (ATS) ने गिरोह के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी मुख्य सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार कर 7 दिन की रिमांड पर लिया है। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि दोनों से पूछताछ की जा रही है ताकि उनके नेटवर्क, फंडिंग के स्रोत, पैसों के लेन-देन और अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। साथ ही, उनकी संपत्तियों को जब्त कर उन्हें ध्वस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पिछले 15 वर्षों से चला आ रहा है धर्मांतरण रैकेट
जानकारी के अनुसार यह गिरोह पिछले करीब 15 वर्षों से सक्रिय था और विदेशी फंडिंग के जरिए गरीब, असहाय, और युवतियों का ब्रेनवॉश कर इस्लाम धर्म स्वीकार कराने का काम कर रहा था। जिन लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं, उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में मोहम्मद अहमद का नाम भी सामने आया है, जिसकी जांच एटीएस द्वारा की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस केस में एफआईआर की कॉपी एटीएस से मांगी है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल भी खुल सकता है।
50 हजार का इनामी था छांगुर बाबा
गौरतलब है कि 7 जुलाई को एटीएस ने धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर बाबा को बलरामपुर जिले के मधपुर गांव से गिरफ्तार किया था। इस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था। गिरफ्तारी के वक्त उसके साथ नीतू उर्फ नसरीन को भी पकड़ा गया था। गिरोह के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जाति के आधार पर मिलती थी फंडिंग
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरोह को धर्मांतरण के लिए जाति विशेष के अनुसार मोटी रकम मिलती थी। ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के धर्म परिवर्तन पर 15 से 16 लाख रुपये, पिछड़ी जातियों की लड़कियों के लिए 10 से 12 लाख, जबकि अन्य जातियों की लड़कियों के लिए 8 से 10 लाख रुपये मिलते थे।
प्रेमजाल और ब्रेनवॉश के जरिए होता था धर्मांतरण
गिरोह का तरीका बेहद सुनियोजित था। पहले लड़कियों से दोस्ती कर उनके साथ करीबी रिश्ते बनाए जाते थे। फिर उन्हें छांगुर बाबा की दरगाह पर ले जाकर इस्लाम कबूल कराया जाता था और उनका नाम बदल दिया जाता था। युवतियों को धर्म बदलने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता और बाद में उनका इस्तेमाल विदेशी फंडिंग के लिए किया जाता था।
100 करोड़ का लेन-देन, 40 से अधिक बैंक खातों की जांच
अब तक की जांच में सामने आया है कि गिरोह ने लगभग 100 करोड़ रुपये का लेन-देन किया है, जो 40 से अधिक बैंक खातों में हुआ है। गिरोह के सदस्यों ने 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा भी की है, जिससे विदेशों से मिलने वाले फंड और संपर्कों की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस मामले में छांगुर बाबा का बेटा महबूब जलालुद्दीन भी गिरफ्तार किया जा चुका है। फिलहाल छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नसरीन लखनऊ जेल में बंद हैं। एटीएस की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।