नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले में विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासी संग्राम शुरू हो गया है और कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लखीमपुर हिंसा पर लोक सभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) को उनके पद से हटाने की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री ने ली राहुल गांधी की चुटकी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के नोटिस पर चुटकी (Pralhad Joshi on Rahul Gandhi Notice) ली और कहा कि कम से कम वो इतना सुधर गए हैं कि लिखित नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है। कम से कम राहुल गांधी इतना तो सुधर गया है कि वो लिखित नोटिस दे रहा है। पहले तो संसद भी उनके सामने कुछ नहीं था और वो नोटिस नहीं देते थे। कम से कम उन्होंने नोटिस देना तो शुरू कर दिया यह अच्छी बात है।’
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा
लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है और संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सासंदों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। लोक सभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और वेल में आकर नारेबाजी की व तख्तियां लहराईं। वहीं राज्य सभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद राज्य सभा की भी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
SIT रिपोर्ट में तीन बड़ी बातें कही गई हैं
पहली बात- किसानों का गाड़ियों से कुचला जाना कोई दुर्घटना नहीं थी।
दूसरी बात- उस दिन प्रदर्शन कर रहे किसानों को रास्ते से हटाने के लिए जानबूझकर गाड़ियां तेज स्पीड में चलाई गई थीं।
तीसरी बात- ये कि इस हमले की योजना पहले से बनाई जा चुकी थी।
एसआईटी रिपोर्ट के बाद बदली गईं धाराएं
एसआईटी (SIT) ने ये रिपोर्ट अदालत में पेश कर दी है और कोर्ट से इस मामले में दुर्घटना की धाराएं हटाकर दूसरी धाराएं जोड़ने के लिए कहा है। जैसे।। धारा 120B- आपराधिक षडयंत्र, धारा 307 हत्या की कोशिश, धारा 326 अपराध के लिए हथियार का इस्तेमाल और धारा 34 जोड़ने के लिए कहा गया है। ये धारा तब लगाई जाती है, जब बहुत सारे लोग कोई अपराध एक ही मकसद के लिए करते हैं।
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क्या है पूरा मामला?
बता दें कि इस साल अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई थी। घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की कारों से कुचलने से मौत हुई थी, जबकि मौके पर मौजूद भीड़ ने कारों में सवार तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।